भारत ने UN में येरुशलम प्रस्ताव के विरोध करते हुए मतदान में 127 अन्य देशों का साथ दिया. यह प्रस्ताव अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के हाल के फैसले के विरुद्ध पेश किया गया था. नौ देशों ने ट्रम्प का साथ दिया तो वहीं 35 अन्य मतदान से दूर रहे.
प्रस्ताव के विरोध और अमेरिका के समर्थन में वोट करने वाले देशों में ग्वाटेमाला, होंडुरास, इजरायल, मार्शल आइलैंड्स, माइक्रोनेशिया, पलाउ, टोगो और अमेरिका शामिल रहे. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निकी हेली ने महासभा के प्रस्ताव की आलोचना की है. हेली ने कहा कि अमेरिका इस दिन को याद रखेगा जब एक संप्रभु देश के तौर पर अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने की वजह से संयुक्त राष्ट्र महासभा में उस पर हमला हुआ.
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट करने वाले देशों को अनुदान में कटौती की धमकी दी थी.हालांकि, ट्रम्प की धमकी का कुछ देशों पर प्रभाव पड़ा. यही वजह है कि कुछ देशों ने अपने आप को इससे अलग रखा.
भले ही वैश्विक मंच पर इस मसले को लेकर अमेरिका अलग-थलग पड़ गया, मगर उसके पश्चिमी और अरब देशों के सहयोगी देशों ने उसके पक्ष में मतदान कर अमेरिका को अकेला पड़ने से बचा लिया. इससे पहले संयुक्त राष्ट्र की 15 सदस्यीय प्रभावशाली संस्था की आपात बैठक में केवल अमेरिकी राजदूत निक्की हैली ने ही यरुशलम पर ट्रंप के फैसले का समर्थन किया था.
ज्ञात हो कि अमेरिका ने इसी महीने की शुरुआत में अपनी घोषणा में कहा था कि वह यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में मान्यता देंगे और अमेरिकी दूतावास को यरूशलम में स्थांतरित करेंगे. उनकी घोषणा के बाद लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और इसकी आलोचना भी की जा रही है.
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