अम्बानी के मोटे चुनावी चंदे की चाहत में मोदीजी ने अमेरिका को भी नाराज कर दिया है, कल खबर आई है कि अमेरिका, भारत से यूएस ट्रेड कन्सेशन वापस ले सकता है, जिसके तहत भारत के 5.6 अरब डॉलर (40 हजार करोड़ रुपए) के एक्सपोर्ट पर अमेरिका में कोई टैक्स नहीं लगता है. अगर ऐसा होता है तो भारत से एक्सपोर्ट होने वाले आइटम्स पर अमेरिका मोटा टैक्स वसूलेगा ओर भारतीय एक्सपोर्टर जो छोटे उद्योगों से माल लेकर सप्लाई करते थे उनकी हालत खराब हो जाएगी ओर इसका बड़ा असर लाखो की समस्या में कार्यरत एक्सपोर्टइंडस्ट्री से जुड़े लोगो पर पड़ेगा जिनकी रोजी रोटी इनके सहारे ही चलती थी.
आखिर अम्बानी के आगे इन कीड़े मकोड़ों की ओकात ही क्या है? अमेरिका के इस निर्णय की जो वजह बताई जा रही है वह भी बड़ी दिलचस्प है. दरअसल अम्बानी जी के मन मुताबिक बनाकर मोदी जी ने ऑनलाइन रिटेल में एफडीआई की नीति को संशोधित कर दिया जो इस 1 फरवरी से लागू हो गई है, अब विदेशी निवेश वाली ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए भारत में नियम सख्त हो गए हैं.
शायद आपको याद होगा कि मुकेश अम्बानी ने वाइब्रेंट गुजरात मे मोदीजी से ‘डेटा के औपनिवेशीकरण’ के खिलाफ कदम उठाने का आग्रह किया था, यह सिर्फ ओपचारिक आग्रह था क्योंकि वह मोदीजी से पहले ही ई कॉमर्स के नए ड्राफ्ट में अपनी सारी सहूलियत वाली शर्तो डलवा चुके थे.
अमेरिका कम्पनियों वालमार्ट ओर अमेजन को जब तक इस बदलाव की हिंट मिलती तब तक उन्होंने अपना बड़ा निवेश भारतीय बाजार में कर दिया था, वॉलमार्ट ने पिछले साल ही मई में फ्लिपकार्ट की 77% हिस्सेदारी 1.07 लाख करोड़ रुपए में खरीदी थी ई-कॉमर्स सेक्टर में दुनिया की अब तक की सबसे बड़ी डील थी.
अब जब इन दोनो कपंनियों ने नए नियमों पर गौर किया तो पाया कि उनकी बिक्री 25-30 फीसदी नीचे गिर गयी हैं साथ ही आपूर्ति करने में अब लगभग दो दिन का समय लग रहा है जिससे लॉजिस्टिक्स को भी गंभीर नुकसान झेलना पड़ रहा है.
इस खबर से अमेरिकी शेयर बाजार में अमेजन का शेयर 5.38% लुढ़क गया. इस गिरावट की वजह से कंपनी का मार्केट कैप 3.21 लाख करोड़ रुपए घटकर 56.45 लाख करोड़ रुपए रह गया, वॉलमार्ट के शेयर में भी 2.06% गिरावट आ गई.
अब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प जेफ बेजोस ओर वालमार्ट को तो नाराज करने से रहे उन्होंने तुरंत बदले की कार्यवाही शुरू कर दी जिसका परिणाम भारतीय व्यापार को दी जा रही छूट समाप्त करना है.
कई भले मानुषों को लगेगा कि मोदी जी यह तो नीति भारत के छोटे व्यापारी को बचा रही है, लेकिन ऐसा नही है, ऑनलाइन व्यापार बन्द नही होगा बल्कि ओर तेजी से फैलेगा मुकेश अंबानी भारत मे अलीबाबा के सीईओ जैक मा के ऑनलाइन टू ऑफलाइन बाजार मॉडल को जैसे का तैसा लागू कर रहे हैं जियो के 30 करोड़ कस्टमर हैं जिसके कारण रिलायंस को अपने नए प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए अधिक खर्च नहीं करना पड़ेगा.
यह है असली वजह इस नई ऑनलाइन रिटेल में एफडीआई की नीति को संशोधित करने की. लेकिन जाने दीजिए……आप लोगों को हिन्दू मुसलमान से अधिक कुछ समझ नही आएगा इसलिए Plz be Continue.