भारत का गेम ऑफ थ्रोन्स कहा जाने वाला “एम्पायर” कल से आप सभी हॉटस्टार-वूट पर देख सकते हैं। बेहतरीन कलाकारों की फेहरिस्त और ज़बरदस्त डायलॉग डिलीवरी से भरपूर ये वेब सीरीज़ पिछले 2 महीने से चर्चा में है। क्योंकि मुग़लों का नाम जब जब देश मे लिया जाता है अलग अलग कहानियां शुरू हो जाती है।
सबसे पहले टीज़र के साथ धूम मचाकर और अब ट्रैलर का साथ धमाका करते हुए एम्पायर तमाम तरह की चर्चा का विषय बन गया है। क्योंकि बाबर की नौजवानी से दिखाई गई कहानी आखिर में “पानीपत” में दिखाई गई है। जहां बाबर ने दिल्ली सल्तनत के आखिरी सुल्तान इब्राहिम लोधी को हराया था।
इस हार का सीधा असर भारत की सत्ता का केंद्र कहे जाने दिल्ली पर पड़ा था और क्यूंकि अब यहां बाबर गद्दी पर बैठने वाला था। जो विश्व के सबसे खूंखार और युद्धकला के माहिर चंगेज़ खान का वंशज था और 1398 में दिल्ली से लेकर कई सौ मीलों तक दिल्ली सल्तनत को रौंद कर जाने वाले तैमूर लंग का भी वंशज था।
कहानी कहां से मिली है?
“एम्पायर” सीरीज़ की कहानी लिखी हुई किताब की कहानी है,इस किताब को एलेक्स रुदरफोर्ड ने लिखा है। इसका नाम है ” एम्पायर ऑफ मोगुल” इसको लिखने वाले लेखक ने इतिहास से अपनी मोहब्बत को कहानी का नाम दिया है। क्योंकि “ताज महल” पर रिसर्च करने वाले लेखक को भारत के इतिहास से मोहब्बत हो गयी और 6 किताबों की ये सीरीज़ तैयार हो गयी।
हालांकि एक बहुत बड़ा सवाल उठ रहा है और वो ये है क्या “फैक्ट्स” को लेकर ईमानदारी यहां दिखाई गई है? क्योंकि इतिहास में फैक्ट्स के बिना तो सब कुछ कहानी ही रह जाती है। जैसे बाबर को दिल्ली पर हमला करने के लिए मेवाड़ के शासक राणा सांगा ने आमंत्रित किया था। लेकिन इस बात का साक्ष्य हमें “बाबरनामा” यानी बाबर की बायोग्राफी से ही मिलता है और कहीं से नहीं।
ऐतिहासिक फिल्मों को लेकर भारत का क्या रुख है?
ऐतिहासिक विषयों पर बॉलीवुड में काफी फिल्में बनी हैं सीरियल बने हैं जो दर्शकों को पसन्द भी आये हैं। जैसे बॉलीवुड में मील का पत्थर की तरह स्थापित “मुग़ल ऐ आज़म” इसमें सबसे बड़ा नाम है।
इसके अलावा ऋतिक रोशन जब “अकबर” बने थे तो उन्हें कौन भूल सकता है। वहीं “रज़िया सुल्तान” भी आ चुकी है।लेकिब ये भी सच है कि ग्राफिक्स और वीएफएक्स और लंबा चौड़ा प्रोजेक्ट मुगल ए आज़म और रज़िया सुल्तान में बड़े पैमाने पर नहीं बन पाया था।
इसके पीछे सबसे बड़ी वजह बजट है,हॉलीवुड में बजट को फिक्र किये बिना ही हिस्टोरिकल फिक्शन पर काम अक्सर होता रहता है। लेकिन हमारे यहां ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। एम्पायर पहली और शानदार कोशिश नज़र आ रही है। जिसमें लड़ाई के दृश्यों को बखूबी फिल्माया भी गया है।
क्यों हो रही है गेम ऑफ थ्रोन्स से तुलना?
गेम ऑफ थ्रोन्स एक विदेशी वेब सीरीज़/सीरियल है। जिसके कुल 8 सीज़न हैं। ड्रेगन से लेकर राजा और रानियों की कसी हुई कहानी है और अलग अलग तरह के कैरेक्टर के साथ इसे फिल्माया गया है। ये सीरीज़ भारत मे भी बहुत फेमस हुई थी। गौर करने वाली बात ये है कि ये सीरीज़ भी फिक्शन सीरीज़ ही पर बनी है।
एम्पायर बनाने वाली तीम का भी कुछ इसी तरह का प्लान है। वो हर साल नए सीज़न के साथ बाबर से लेकर औरंगजेब की कहानी को दर्शकों के सामने लाने की तैयारी मे हैं। अगर सूत्रों के अनुसार बात करें तो एम्पायर क़रीबन 6 सीज़न वाला शो होने वाला है।
इसे हर साल एक नए सीज़न के साथ दर्शकों के सामने लाया जाएगा,क्योंकि “मोगुल” भी 6 किताबों की सीरीज है इसलिए 6 ही सीज़न होने के उम्मीद भी लगाई जा रही है । बस इन्हीं तरह की समानताएं हैं जो गेम ऑफ थ्रोन्स और एम्पायर की तुलना कर रही हैं।