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हिन्दू और मुसलमान नौजवानों को मिलजुल कर बुराइयों के खिलाफ लड़ना होगा- संजय सिंह

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कल शाम 25 नवम्बर की शाम को मुशायरे की इस अदबी और तहज़ीबी महफ़िल का आयोजन मुस्तफाबाद अमन चौक पर हुआ, इस मुशायरे का आयोजन मानव सेवा संगठन और उर्दू अकादमी ने किया था।
इस मुशायरे में मुख्य अतिथि के तौर पर संजय सिंह(राज्यसभा सांसद),राजेन्द्र पाल गौतम(केबिनेट मंत्री दिल्ली सरकार),राष्ट्रीय प्रवक्ता आप दिलीप पांडे शामिल रहें और इस मुशायरे की सदारत विधानसभा मुस्तफाबाद नेहरू विहार से निगम पार्षद ताहिर हुसैन जी कर रहे थे।

यहाँ मुख्य अतिथि के तौर पर आए हुए संजय सिंह (राज्यसभा सांसद) ने कहा कि “हिन्दू और मुसलमान नौजवानों को मिलजुल कर बुराइयों के खिलाफ लड़ना होगा तभी देश से बुराइयां खत्म होंगी क्योंकि हमारा देश मोहब्बत और भाईचारे का देश है”
वही इस मुशायरे की सदारत कर रहे ताहिर हुसैन जी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि “हिंदुस्तान अदब और तहज़ीब का देश है,और कवि सम्मेलन और मुशायरे समाज को जोड़ने का काम करते है और यही वजह है कि आम आदमी पार्टी की सरकार समाज से जुड़े कामों पर खास ध्यान देती है” इस मौके पर निगम पार्षद ताहिर हुसैन जी ने इलाके में आम आदमी पार्टी के कामों को भी गिनवाया,उन्होने कहा कि
“मुस्तफाबाद में आम आदमी पार्टी का विधायक नही जीत पाया था,और विधायक के हस्तक्षेप के बगैर बहुत से काम नही हो सकते है,लेकिन फिर भी मुस्तफाबाद में 32 करोड़ का फंड अलग से देकर मुख्यमंत्री जी ने मुस्तफाबाद को विकास में किसी भी क्षेत्र में पीछे नही छोड़ा है,और इसी बात को ध्यान में रखते हुए मैं बता देना चाहता हूं कि इस बार मुस्तफाबाद की आवाम दोबारा गलती नही करेगी और विधानसभा मुस्तफाबाद से भी आम आदमी पार्टी ही को जिताने का काम करेगी”

मुशायरे अदब और तहज़ीब को बढ़ावा देते है,उर्दू और अदब जानने और समझने वाले लोगों के लिए मुशायरे बेहद अहमियत रखते है,इसी की वजह थी कि मुस्तफाबाद में आयोजित मुशायरे में इलाके के लोगों ने बहुत संयम से और अपना वक़्त देकर मुशायरे को सुना और इस महफ़िल में चार चांद लगाए।
मुस्तफाबाद इलाके की जनता ने इस आयोजन को बहुत खुश होकर और उत्साह के साथ सुना और उसके साथ साथ देश भर से आये तमाम शायर और शायराओं को भी इलाके की आवाम को मुशायरे का लुत्फ उठाते देख खुशी हुई और सभी मेहमान शायरों ने शायरी से से इस मुशायरे में एक अलग ही समा बंधा और अपने लफ़्ज़ों की खूबसूरती से महफ़िल में चार चांद लगाए।