फ्लेक्सी फेयर सिस्टम मतलब जैसे-जैसे सीट बुक होती जाएगी वैसे-वैसे किराया बढ़ता जायेगा, उसी तरह जिस तरह फ्लाइट फेयर में होता है. राज्यसभा में बोलते हुए रेल मंत्री पियूष गोयल ने कहा कि रेल मंत्रालय फ्लेक्सी फेयर प्रणाली को बदलकर डायनेमिक फेयर प्रणाली लाने पर विचार कर रहा है.
दरअसल रेल मंत्रालय ने फ्लेक्सी फेयर प्रणाली को हाल ही में यात्रियों की संख्या बढ़ाने और राजस्व में बढ़ोतरी के मकसद से शुरू किया था. रेल मंत्री शुक्रवार को शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस के किराये के लिए नई प्रणाली लाने से यात्रियों की संख्या में गिरावट और रेलवे का घाटा बढ़ने से जुड़े एक सवाल का जवाब में दे रहे थे.
सिग्नल सिस्टम बदलने की जरुरत:
सदन में बजट पेश करने के एक दिन बाद ही कई नेताओं ने उनसे रेलवे के बजट और स्कीम को लेकर सवाल पूछे. इसके जवाब में गोयल ने रेलवे के प्लान को बदलने के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि रेलवे की क्षमता को बढ़ाने के लिए डायनेमिक फेयर स्कीम और देशभर के सिग्नलिंग सिस्टम को बदलने की जरूरत है. गोयल ने कहा कि फ्लेक्सी फेयर प्रणाली को डायनेमिक फेयर प्रणाली में बदलने के बारे में मंत्रालय को विस्तृत रिपोर्ट मिली है.
मुनाफा बढ़ाने के लिए फ्लेक्सी फेयर:
एक सवाल के जवाब में रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे नुकसान में नहीं है, बल्कि ऐसी स्कीम से रेलवे का मुनाफा बढ़ाने के लिए लाई जाती हैं. रेलमंत्री ने कहा कि पिछले करीब 4 सालों से ट्रेनों का किराया नहीं बढ़ा है जिससे रेल बजट पर दबाव बन रहा है.