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"फेक एनकाउंटर" मामले ने राज्यसभा में भी पकड़ा तूल

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नोएडा के सेक्टर 122 में एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर (एसआई) के एक जिम ट्रेनर युवक को गोली मारने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है.जिसकी गूंज सोमवार को राज्यसभा में भी सुनाई दी. समाजवादी पार्टी के सांसदों ने इस मामले पर स्थगन प्रस्ताव लाते हुए तत्काल चर्चा कराने की मांग की. इस पर राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि नोटिस मिल चुका है और इस पर नियम के तहत चर्चा की जाएगी. इससे बिफरे समाजवादी पार्टी के सांसदों ने सदन में जमकर नारेबाजी की, जिसके चलते सदन को 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा. बीजेपी के दिवंगत सांसद हुकुम सिंह को श्रद्धांजलि देने के बाद लोकसभा का कामकाज भी दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया.

क्या था मामला

बता दें कि शनिवार रात को नोएडा के सेक्टर-122 में जितेंद्र यादव को दरोगा विजय दर्शन ने गोली मार दी थी. इस मामले में जितेंद्र के परिजनों ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा था कि प्रमोशन पाने के लिए दरोगा ने यह एनकाउंटर करने की कोशिश की थी. रविवार पूरे दिन इस मामले पर गहमागहमी रही और फोर्टिस अस्पताल में भी जितेंद्र के परिजनों समेत आसपास के गांवों के तमाम लोग विरोध में जुट गए थे.

घटना की जानकारी मिलते ही समाजवादी पार्टी के कई नेता अस्पताल पहुंचे थे. इसके अलावा बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा भी घायल जितेंद्र का हाल जानने अस्पताल पहुंचे थे.

क्या कहा आरोपी दरोगा ने
आरोपी दरोगा ने कहा, हाथापाई में चली गोली
जिम ट्रेनर को गोली मारने के आरोपी सब इंस्पेक्टर विजय दर्शन शर्मा ने गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में बताया है कि उन्हें शराब पीकर कुछ लोगों के हुड़दंग करने की सूचना मिली थी.उस वक्त वे वह खाना खाने की तैयारी कर रहे थे. सूचना मिलते ही तीन पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे. वहां पर स्कॉर्पियो में जितेंद्र व अन्य तेज आवाज में म्यूजिक बजा रहे थे. रोकने पर हाथापाई करने लगे. उन्हें डराने के लिए उसने अपनी सर्विस रिवॉल्वर निकाल ली। इसी दौरान गोली चल गई. वह खुद एक पुलिसकर्मी को उन्हीं की गाड़ी में बैठाकर फोर्टिस अस्पताल लेकर गया.

क्या बोले डीआईजी

डीआईजी बोले, एनकाउंटर की बात सही नहीं
डीआईजी ने कहा कि यह एनकाउंटर नहीं बल्कि किसी व्यक्तिगत कारण की वजह से अचानक हुई घटना है. उन्होंने कहा कि जितेंद्र के बड़े भाई धर्मेंद्र यादव की दरोगा से अच्छी जान-पहचान थी और जितेंद्र का भी उससे मिलना जुलना था  ऐसे में केवल प्रमोशन पाने के लिए अपने ही परिचित का एनकाउंटर करने की बात हजम नहीं होती. दूसरी बात, यदि कोई एनकाउंटर होता तो वारदात होते ही वायरलेस के जरिए तुरंत जिले भर की पुलिस को सूचना दी जाती, लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ.
यहां पर बता दें कि यूपी पुलिस ने पिछले कुछ दिनों के दौरान 15 एन्काउंटर किए हैं.पुलिस ने इन मुठभेड़ों में एक बदमाश को मार गिराने और 24 वांछित अपराधियों को पकड़ने का दावा किया है. पुलिस ने मुजफ्फरनगर, गोरखपुर, बुलंदशहर, शामली, हापुड़, मेरठ, सहारनपुर, बागपत, कानपुर और लखनऊ में बदमाशों पर कार्रवाई की है.

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