शनिवार 23 नवंबर की सुबह, जब सब सॉकर उठे तो महाराष्ट्र की राजनीति से जुड़ी एक खबर ने सबको चौंका दिया। भाजपा के देवेन्द्र फड़नवीस एक बार फिर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके थे। वहीं एनसीपी नेता और शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने 22 विधायकों के साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
Mumbai: Devendra Fadnavis takes oath as Maharashtra Chief Minister again, oath administered by Governor Bhagat Singh Koshyari at Raj Bhawan pic.twitter.com/PiRuq9SkYh
— ANI (@ANI) November 23, 2019
जिसके बाद शरद पवार ने ट्वीटर में प्रतिक्रिया देते हुए इसे अजीत पवार का निजी फ़ैसला बताया और इस फ़ैसले से एनसीपी को अलग बताया। ज्ञात होकि कल ही 22 नवंबर को शरद पवार ने शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनाने का ऐलान किया था।
अजित पवार यांच्या राजकीय निर्णयाला राष्ट्रवादी काँग्रेस पक्षाचा पाठिंबा नाही.
हा त्यांचा वैयक्तिक निर्णय आहे.— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) November 23, 2019
Ajit Pawar's decision to support the BJP to form the Maharashtra Government is his personal decision and not that of the Nationalist Congress Party (NCP).
We place on record that we do not support or endorse this decision of his.— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) November 23, 2019
महाराष्ट्र में सरकार गठन की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके दी, उसमें उन्होंने देवेन्द्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री और अजीत पवार को उपमुख्यमंत्री बनने की बधाई दी। इस शपथग्रहण के बाद तरह तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। हालांकि अभी देवेन्द्र फड़नवीस के लिए सबसे बड़ी चुनौती फ्लोर टेस्ट को पास करने की है।
इस पूरी घटना ने राज्यपाल की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं। शरद पवार के बाद एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मालिक ने कहा है, कि एनसीपी कांग्रेस और शिवसेना के साथ है।
Recent briefing to media @NCPspeaks #Maharashtra #NCP pic.twitter.com/NO5X9MWd7W
— Nawab Malik نواب ملک नवाब मलिक (@nawabmalikncp) November 23, 2019
वहीं शरद पवार की पुत्री और सांसद सुप्रिया सुले के संबंध में एक न्यूज़ सामने आई है, कि उन्होंने अपने व्हाट्सअप स्टेटस में लिखा है कि “ पार्टी और परिवार टूट गया”। इस खबर के सामने के बाद ये देखना बाकी है कि एनसीपी के कितने विधायक अजीत पवार के साथ जा रहे हैं।