पिछले दिनों दिल्ली का मैक्स हॉस्पिटल चर्चा में था. मामला एक नवजात केस को लेकर था. जिंदा बच्चे को मृत बताने वाले मामले में दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल का दिल्ली सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए लाइसेंस रद्द कर दिया.
पिछले दिनों केजरीवाल ने ट्वीट कर कड़ी कारवाई का आश्वाशन दिया था. और जांच के आदेश दिया था. आज दिल्ली सरकार ने कारवाई कर आश्वाशन को सही साबित करते हुए और रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए मैक्स अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘नवजात बच्चे को मृत बताने वाले शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल का लाइसेंस हमने कैंसल कर दिया है. यह लापरवाही स्वीकार्य नहीं थी.’
We have cancelled the license of #MaxHospital Shalimar Bagh, the negligence in the newborn death case was unacceptable: Delhi Health Minister Satyendra Jain pic.twitter.com/vbUlT6PGB2
— ANI (@ANI) December 8, 2017
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भी ट्वीट कर ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि ‘हम निजी अस्पतालों कि रोजाना के मामलों में दखल नहीं देंगे, पर जनता से लूट को स्वीकार किसी भी सूरत में सहन किया जायेगा. और आगे भी इसी तरह कि कड़ी कारवाई लेने में झिझकेंगे नहीं’.
Whereas we don’t wish to interfere in day to day functioning of pvt hospitals, however, open loot or criminal negligence by any hospital won’t be tolerated. We won’t hesitate to take strongest action in such cases
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 8, 2017
क्या था पूरा मामला?
परजनों के अनुसार ‘मैक्स अस्पताल ने उनकी 6 महीने की गर्भवती पत्नी वर्षा के जुड़वां गर्भस्थ शिशुओं के बचने की 10-15% ही संभावना बताई थी और कहा 35,000 रुपये की कीमत के 3 इंजेक्शन लगवाने की सलाह दी थी ताकि गर्भ के बचने की संभावना को बढ़ाया जा सके। इंजेक्शन लगाए जाने के बाद डॉक्टरों ने कहा कि शिशुओं के बचने की संभावना 30 फीसदी तक पहुंच गई है। आशीष ने यह आरोप भी लगाया कि बच्चों को खतरे से बाहर लाने के लिए नर्सरी में रखा जाएगा जिसपर 50 लाख रुपये तक का खर्च आएगा.
आशीष(परिजन) द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक, ‘मैक्स ने शिशुओं कए इलाज में लापरवाही बरती, इलाज ठीक से नहीं किया गया। एक बच्चा जिंदा था फिर भी उसे मृत बताकर पार्सल बनाकर हमें सौप दिया गया.’