दिल्ली की एक कोर्ट ने एक व्यक्ति को ट्रक से कुचलने वाले चालक पर दो साल की जेल की सजा बरकरार रखते हुए कहा कि जानलेवा सड़क हादसों में कड़ी सजा जरूरी है. जिससे गाड़ी चलाने वाले लोगों के जेहन में यह बात रहे कि उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
एडिशनल जज सुरेश कुमार गुप्ता ने दोषी के साथ सहानुभूति बरतने से इनकार करते हुए कहा, “आग से खेलने वाले इंसान को जलने पर शिकायत नहीं करनी चाहिए.”
जज ने आगे कहा कि, “एक इंसान की जान चली गयी. सड़क हादसों में हतोत्साहित करने वाली सजा जरूरी है. जिससे अगली बार वाहन से चलाने वाले लोग यह बात दिमाग में रखे कि जानलेवा हादसे में सजा सहित गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.”
उन्होंने कहा कि समाज को एक कड़ा संदेश देने की जरूरत है. ताकि लोग वहन चालक और वाहन से चलने वाले लोग यह बात दिमाग में रखे कि जानलेवा हादसे में सजा सहित गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
अदालत ने ट्रक चालक राशिद अली की सजा के खिलाफ याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की. उसे आईपीसी की धारा 304 ए के तहत लापरवाही से किसी की मौत होने के अपराध के लिए सजा सुनायी गयी थी.
ट्रक चालक राशिद अली ने 22 मार्च, 2017 को शहर की एक निचली कोर्ट द्वारा सुनायी गयी दो साल की कारावास की सजा के खिलाफ सत्र कोर्ट का रुख किया था.
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