लखनऊ, 14 सितम्बर 2018। रिहाई मंच ने चंद्रशेखर आज़ाद ‘रावण’ पर से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा रासुका हटाए जाने को बहुजन आंदोलन और इंसाफ पसंद संघर्ष की जीत बताया है।
रिहाई मंच अध्यक्ष मो० शुऐब ने कहा कि योगी सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने चंद्रशेखर पर रासुका लगाए जाने के मामले में चार सप्ताह में जवाब मांगा था। सुप्रीम कोर्ट की फटकार से बचने के लिए ही अभी कुछ समय पहले चंद्रशेखर पर रासुका की अवधि बढ़ाने वाली सरकार ने जल्दबाज़ी में रासुका हटाने का निर्णय लिया।
उन्होंने कहा कि योगी सरकार रासुका हटाए जाने की अपनी कार्यवाही को दलित प्रेम से जोड़कर राजनीतिक फायदा उठाना चाहती हे जबकि सच्चाई इससे परे है। माननीय उच्चतम न्यायालय पहले ही अदालत द्वारा ज़मानत दिए जाने के बाद रासुका के तहत निरुद्ध किए जाने की कार्यवाही की आलोचना कर चुका है।
रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि चंद्रशेखर आज़ाद पर से रासुका हटाया जाना प्रदेश सरकार के मनुवादी, फासिस्ट एजेंडे को करारा झटका है। योगी सरकार ने दलितों-मुसलमानों पर रासुका लगाकर उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा घोषित किया है। हत्या, हत्या के प्रयास, बलवा, हेट स्पीच के दर्जन भरमुकदमों वाले योगी जी बताएं कि चंद्रशेखर को किस आधार पर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बता जेल में कैद किया था।
उन्होंने कहा कि जिस तरह उत्तर प्रदेश में दमन चक्र चलाया गया, दलितों, मुसलमानों पर गलत ढंग से रासुका की कार्यवाही की गई, अल्पसंख्यकों और दलितों-पिछड़ों को अपराध नियंत्रण के नाम पर एनकाउंटरों में मारा और घायल किया गया और गो रक्षा और लव जिहाद के नाम पर हिसंक हमले और हत्या करने की खुली छूट दी गई उसके खिलाफ इंसाफ पसंद अवाम के साथ मिलकर साझा संघर्ष जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में जल्द नई रणनीति तैयार की जाएगी और इस संघर्ष को और पैना बनाया जाएगा।