“जलते घरो को देखने वालो पूष का छप्पर आपका है आग़ के पीछे तेज़ हवा है आगे मुकद्दर आपका है”
इन पंक्तियों का उपयोग यहाँ कुछ विशेष लोगो के लिए किया जा रहा है वो लोग जो पिछले कुछ घंटो से अपने साहसिक कार्यो से भगवा वाह वाही लूट रहे है भारतीय राजनीति को निचले से निचले स्तर ले जाने में ऐसे लोग अपना पूरा योगदान दे रहे है।
और सबसे बड़ी समस्या की बात यह है कि ऐसे लोगो का इलाज दूर दूर तक दिखाई नहीं देता।
ये लेख उन लोगो को समर्पित है जो कोंग्रेस उपाध्यक्ष पर पत्थर बरसने को अपनी महानता का प्रतिक समझ रहें है।
गुजरात में बाढ़ पीड़ितों से मिलने गए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी की गाडी पर पत्थर मारकर, मोदी समर्थन में नारे लगाकर, काले झंडे दिखाकर इन लोगो ने भाजपा के प्रति अपने समर्पण भाव का प्रमाण दिया है।
ये लोग कौन है हम सब जानते है लेकिन भारत की सबसे पुराने राजनीतिक संगठन के उपाध्यक्ष पर पत्थर मारने की हिम्मत इन में कैसे आई, ऐसी शिक्षा ये कहा से लेते है, इतने घृणा भाव इन लोगो में कैसे पैदा हुए ये सारे सवाल हम सभी के मन में है।
राजनीति में प्रतिस्पर्धा हमेशा से ही रही है लेकिन इस प्रकार के शर्मनाक कार्यो का चलन 2014 के बाद से बढा है बाढ़ में पीड़ितों से मिलकर उनका हाल जानना ,मदद करना क्या सिर्फ सरकार विशेष का ही कार्य है
हमारा लोकतंत्र हमारा संविधान विपक्ष के साथ साथ सभी दलों को जनता से मिलने की स्वतंत्रता देता है विकास करने का एकाधिकार सिर्फ सरकार के हाथो में नहीं होता विपक्ष भी उसका भागीदार होता है।
गुजरात सरकार व भाजपा कार्यकर्ता जब राजनीतिक स्वतंत्रता को समाप्त न कर सके तो विपक्ष पर इस प्रकार हमले करन शुरू दिया जिससे कोई विपक्ष का नेता राज्य में न आ सके।
एक डर का वातावरण बनाया जा रहा है।
कश्मीर से कन्याकुमारी, गुजरात से नागालेंड तक भगवा सरकारों द्वारा राजनीतिक डर पैदा किया जा रहा है
हो सकता है कि लोगो ने भाजपा की मंशा भाप ली हो, हो सकता है कि भाजपा को हार का डर सता रहा हो इसलिए अपने डर को हमले के रूप में व्यक्त करने का नया तरीका निकाला हो।
गुजरात सरकार राज्य के खस्ता हालात को देश के सामने लाने से डरती है वो चाहती है कोई नेता राज्य के हालात पर संज्ञान न ले।
कांग्रेस उपाध्यक्ष पर हुए हमले में भी इनकी हताशा साफ़ नज़र आ रही है।
सत्ता का लोभ,चमक, शक्ति सरकार को जनता की समस्याओ से दूर रख रही है सरकार जनता की बदहाली को ऐसा अनदेखा कर दे लेकिन वो यह ना भूले की जलते घरो की आंग उन तक ज़रूर पहुँचेगी,जिस बाढ़ से जनता आज पीड़ित है उसी बाढ़ में उनका अहंकार भी डूब जाएगा।
संवेदनहीन भाजपा सरकार व उनके कार्यकर्त्ता वास्तविक समस्याओ व जनता से मुहं मोड़ चुके है। लेकिन वो भूल गए की जहाँ जहाँ वो अपनी सरकार के कुप्रभावो, अपनी प्रशासनिक हार को छुपाऐगें वहां वहां उसे उजागर करने के लिए विपक्ष हमेशा खड़ा रहेगा।
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