दंगा कराने का था आरोप, कांग्रेस ने बढाया क़द

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26 से 28 मार्च 2018 के बीच औरंगाबाद में रामनवमी के जुलूस की आग में कम से कम 30 दुकानें राख हो गईं. इनमें से 99 फ़ीसदी दुकानें मुसलमानों की हैं. शहर के कांग्रेस विधायक आनंद शंकर जुलूस को लीड कर रहे थे. दिनांक 8 अप्रैल 2018 को बिहार प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल के स्वागत में सदाक़त आश्रम में आयोजित सभा में जब श्री गोहिल भाषण दे रहे थे और कांग्रेस के सेक्युलर किरदार की चर्चा कर रहे थे तभी बिहार प्रदेश अल्पसंख्यक विभाग के प्रवक्ता इबरार अहमद रज़ा ने औरंगाबाद में सम्प्रदायिक दंगो के आरोपी विधायक आनंद शंकर पर पार्टी द्वारा करवाई की मांग की थी. तब वहीं मौजूद कदवा से कांग्रेस के विधायक डा शकील अहमद ख़ान ने इबरार अहमद रज़ा को समझाया कि जाँच रिपोर्ट आने के बाद पार्टी आलाकमान को अवगत कराया जायेगा और उचित करवाई होगी.
अब कल की (27-10-2018) यह तस्वीर देखये; बिहार कांग्रेस के हुए प्रोग्राम मे कुछ मुसलमान जी को मेनिफ़ेस्टो 2019 में अपना मशवरा देने के लिए बुलाया गया था। अब सवाल यह पैदा होता है कि सारे मुसलमान भाजपा के ख़िलाफ़ सिर्फ़ इसलिए वोट देते हैं ताकि सरकार में आने वाली पार्टी दंगा नहीं होने देगी। जब मुसलमान अपने सुरक्षा के मुद्दे पर ही सारा वोट दे रहा है तो फिर कांग्रेस मुसलमानो से किस मुंह से वोट मांग रही है, जब वो आनंद शंकर जैसे विधायक को पार्टी में रखे हुए है, जिनपर औरंगाबाद दंगे का इलज़ाम है।

 
इबरार अहमद रज़ा के सवाल उठाने के बाद औरंगाबाद दंगे के बाद बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने एक जांच कमेटी बनाई थी जिसे रिपोर्ट देना था लेकिन न कभी वह रिपोर्ट आई ना ही आनंद शंकर के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई; बल्कि आनंद शंकर को बिहार कांग्रेस की वर्किंग कमेटी में भी रख लिया गया; जो मदन मोहन झा के बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के बाद बनी थी।

यहां आराम से समझा जा सकता है के बिहार कांग्रेस में आनंद शंकर का महत्व और बढ़ा दिया गया है। उस वर्किंग कमेटी में सिर्फ 6 -7 ही विधायक है. आनंद शंकर को इतना महत्व क्यों या तो शक्ति सिंह गोहिल खुद राजपूत हैं! इसलिए आनंद शंकर को राजपूत होने की वजह से बचा रहे हैं या फिर पार्टी मुसलमानों के साथ खेल रही है! अब इस सवाल का जवाब मिन्नतुल्लाह रहमानी और ग़ुलाम नबी आज़ाद जैसे लोगों को देना होगा? जिसका जवाब कौक़ब कादरी तो उस समय बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष रहते हुए नही दिया था। एकाध सवाल कदवा विधायक से पूछा जाना चाहये ? कहां गई जाच रिपोर्ट!? बाक़ी तस्वीर देखये। घेरे में जो 2 लोग स्टेज पर बात कर रहे हैं, उनमे एक औरंगाबाद का विधायक आनंद शंकर है और दूसरा यूथ कांग्रेस का प्रदेश उपाध्यक्ष दौलत इमाम.