कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देकर फंसे एएमयू वीसी

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यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करने के बाद एएमयू के वाइस चांसलर तारिक मंसूर बुरे फंस गए है।हुआ ये है कि कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देने के बाद वाइस चांसलर के खिलाफ एएमयू केपम्स में पोस्टर लगाए गए। इन पोस्टर में तारिक मंसूर की श्रद्धांजलि को शर्मनाक बताते हुए कल्याण सिंह को अपराधी लिखा गया।

बता दें ,बीते 21 अगस्त पूर्व सीएम कल्याण सिंह का निधन हो गया, जिसके बाद पीएम मोदी से लेकर बीजेपी के अन्य नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।शोक व्यक्त करने वाली फेहरिस्त में विपक्षी नेता भी शामिल हैं।

बहरहाल,एएमयू पहली बार इस तरह के विवाद में सामने नहीं आया है।इससे पहले साल 2018 में जब एएमयू केम्पस में जिन्ना की तस्वीर लगा दी गयी थी,उस समय भी एएमयू को लेकर घमासान मचा था।

छात्रों ने लगाए हैं पोस्टर

वाइस चांसलर के शोक व्यक्त करने के बाद एएमयू केम्पस की दीवारों पर ये पोस्टर लगे मिले।वहीं कुछ पोस्टर ज़मीन पर गिरे भी मिले।” अपराधी के लिए प्रार्थना करना एक अक्षम्य अपराध है” जैसी हेडलाइन इस पोस्टर में लिखी हुई है, वहीं रिगार्ड में “स्टूडेंट्स ऑफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी” लिखा है।

 

पोस्टर में कल्याण को अपराधी बताया गया

ये पोस्टर वाइस चांसलर के शोक के विरोध करने के लिए लगे हैं।इसमें बाबरी विध्वंस का ज़िक्र करते हुए कल्याण सिंह को अपराधी बताया गया है।वहीं कल्याण सिंह ने सुप्रीम कोर्ट की अवेहलना की थी ये बात भी लिखी है।

गौरतलब है कि बाबरी विध्वंस के दौरान कल्याण सिंह यूपी के मुख्यमंत्री थे, वहीं कारसेवकों ने जब विवादित ढांचा गिराया था तब मुख्यमंत्री ने उन पर कोई एक्शन नहीं लिया था।

मुद्दे पर सियासी बवाल शुरू

नवभारत टाइम्स के हवाले से, मामले के बाद बीजेपी ,एएमयू छात्रों पर तंज कसा रही है वहीं विपक्षी बीजेपी पर।बीजेपी के नेता कैलाश विजयवर्गीय ने घटना पर कहा है कि सी एम योगी बखूबी जानते हैं कि देश विरोधी नारे लगाने वालों का इलाज कैसे करना है।

इस बीच बीजेपी के नेताओं ने एएमयू में जिन्ना की तस्वीर वाले विवाद को भी ताज़ा करते हुए कहा कि जिन्ना की तस्वीर केम्पस से हटाने नहीं देते लेकिन वाइस चांसलर के शोक का इन्हें विरोध करना है।

सीपीएम के नेता सुनीत चोपड़ा ने कल्याण सिंह को बाबरी विध्वंस का दोषी बताते हुए कहा की इतिहास उन्हें कभी मांफ नहीं करेगा।हालांकि,वाइस चांसलर तारिक मंसूर के शोक व्यक्त करने पर उन्होंने एतराज़ न होने की बात कही।

इसलिए लगी थी एएमयू में जिन्ना की तस्वीर

दरअसल एएमयू का नाम एएमयू (अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) 1920 में पड़ा था इससे पहले इसे मोहम्मद एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज कहा जाता था। इसमें महात्मा गांधी की ही भांति मोहम्मद अली जिन्ना को भी छात्रसंघ आजीवन मानक की सदस्यता दी गयी थी।

वहीं कुल आंकड़ा देखा जाए तो आगा खान,अब्दुल गफ़्फ़ार खान और हैदराबाद के निजाम समेत कुल 146 लोगो को ये सदस्यता दी गयी थी। लेकिन एएमयू केम्पस में केवल 36 लोगो की तस्वीर ही मौजूद है। जिसके सम्बन्ध में छात्र संघ की जनरल बॉडी ने एक प्रस्ताव पास करते हुए जिन्ना की तस्वीर केम्पस में लगाई थी।

अमर उजाला की एक रिपोर्ट के मुताबिक एएमयू प्रशासन का कहना था कि देश मे ऐसा कोई कानून नहीं है जो जिन्ना की तस्वीर लगाने से मनाही करता है। इसलिए हम तस्वीर को हटाने के लिए नहीं कह सकते।

पोस्ट लगाने वालों की होगी जांच

एएमयू प्रशासन का कहना है कि वो जल्द से जल्द पोस्टर लगाने वालों की पहचान करेगी। इसके लिए सीसीटीवी फुटेज को खंगाला भी जा रहा है वहीं उच्च स्तर की जांच भी की जा रही है।

बता दें कि एएमयू वाइस चांसलर तारिक मंसूर के केपम्स में कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देने के बाद से ही यूनिवर्सिटी में हंगामा खड़ा हो गया था। इसके बाद तारिक मंसूर के शोक के विरोध में पोस्टर लगाए गए और मामला यहां तक पहुंच गया।

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