अमृतसर में हुए ट्रेन हादसे से देश सदमे में है. अमृतसर के चौड़ा फाटक के करीब हो रहे रावण दहन के कार्यक्रम को देखने के लिए बड़ी मात्रा में भीड़ एकत्रित थी. भीड़ ज़्यादा होने की वजह से लोग पटरियों में खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे. पटाखों की आवाज़ में ट्रेन की आवाज़ गुम हो गई. देखते ही देखते पटरी में लाशों का ढेर लग गया.
हादसे के बाद पंजाब सरकार ने एक दिन का शोक घोषित करते हुए मृतकों को सहायता का ऐलान किया है. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आज तड़के 11 बजे अमृतसर पहुँच गए हैं. ज्ञात होकि अमरिंदर सिंह का इज़राईल दौरा प्रस्तावित था, जिसे उन्होंने टाल दिया है.
हादसे के पहले रावन दहन के कार्यक्रम में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री नवजोत कौर सिद्धू अतिथि के रूप में आमंत्रित थीं. नवजोत कौर सिद्धू के मुताबिक – 15 मिनट बाद जब वो घर पहुंची भी नहीं थीं. तब उन्हें फोन के ज़रिये घटना की जानकारी मिली. जिसके तत्काल बाद वो अस्पताल की तरफ़ रवाना हो गईं.
नवजोत कौर सिद्धू ने घायलों का किया इलाज
ज्ञात होकि नवजोत कौर सिद्धू पेशे से सर्जन भी हैं, इसलिए उन्होंने अस्पताल पहुंचकर घायलों के इलाज को प्राथमिकता देते हुए पूरी रात अस्पताल में व्यतीत की. मरीजों की देखभाल के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने विपक्ष (भाजपा और NDA ) द्वारा लगाए आरोपों का जवाब देते हुए मीडिया से बातचीत में कहा. कि इस मुद्दे पर राजनीति करने वालों को शर्म आनी चाहिये.
पहली नज़र में जो खामियां नज़र आई हैं, वो कुछ इस तरह हैं
- दशहरा मैदान के दो गेट हैं, जिनमें से एक अस्थायी मंच के कारण बंद था. दूसरा गेट छोटा था और यह पटरी की ओर खुलता है.
- प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पटरी की तरफ़ घुमाकर वहां एक एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई थी. ट्रैक मंच की पीछे की ओर है लेकिन एलईडी स्क्रीन लगाने से दर्शकों के लिए पटरी सबसे उपयुक्त जगह थी, देखने के लिए.
- आयोजकों और प्रशासन की तरफ़ से सुरक्षा की व्यवस्था दुरुस्त नहीं थी.
- स्थानीय लोगों ने बताया कि दुर्घटनास्थल पर रौशनी की व्यवस्था भी ठीक नहीं थी. जब दुर्घटना हो गई उसके बाद ही लाइट्स की व्यवस्था की गई.
- क्या रेलवे विभाग को दशहरा के इस समारोह की जानकारी थी?
“बताया जा रहा है कि जब रावण के पुतले को आग लगाई गई तो मंच से लोगों से पीछे हटने की अपील की गई. इस वजह से भी काफ़ी लोग मैदान से पीछे हटकर रेलवे ट्रेक पर चले गए थे.”
राजनीतिज्ञों ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट करके अपनी संवेदना व्यक्त की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर गहरा दुख जताया है. उन्होंने लिखा, “ये दिल दहलाने वाली त्रासदी है. अपने प्रियजनों को खोने वाले लोगों के प्रति मैं गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और घायलों के लिए प्रार्थना कर रहा हूं. मैंने अधिकारियों को तत्काल मदद का निर्देश दिया है.”
Extremely saddened by the train accident in Amritsar. The tragedy is heart-wrenching. My deepest condolences to the families of those who lost their loved ones and I pray that the injured recover quickly. Have asked officials to provide immediate assistance that is required.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 19, 2018
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पंजाब की कांग्रेस सरकार और कार्यकर्ताओं से पीड़ितों को तत्काल राहत पहुंचाने की अपील की है.
The train accident in Punjab in which over 50 people have died is shocking. I urge the state government & Congress workers to provide immediate relief at the accident site. My condolences to the families of those who have died. I pray that the injured make a speedy recovery.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 19, 2018
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट करके बताया है कि वह घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं. उन्होंने लिखा, “दशहरे के मौके पर अमृतसर में हुए ट्रेन हादसे के राहत और बचाव कामों का जायज़ा लेने के लिए मैं खुद वहां पहुंच रहा हूं. मेरी सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपए और घायलों को सरकारी और निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज दिया जाएगा.
Rushing to Amritsar to personally supervise relief & rescue in tragic rail accident on Dussehra in Amritsar. My govt will give Rs 5 lakh to kin of each deceased & free treatment to injured in govt & pvt hospitals. District authorities have been mobilised on war footing.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) October 19, 2018
जानिये कब क्या हुआ ?
अमृतसर रेलवे स्टेशन से करीब चार किलोमीटर दूर जोड़ा फाटक के पास दशहरा मेले के आयोजन किया गया था. क़रीब सात हज़ार लोग रावण दहन के लिए मैदान में जमा हुए थे. इस मैदान की क्षमता दो से ढाई हज़ार लोगों की बताई जा रही है.
आम लोगों के लिए मैदान में जाने और आने का एक ही रास्ता था. मैदान के एक हिस्से में वीआईपी मेहमानों के लिए मंच बनाया गया था, जिसके पीछे से उनके आने-जाने की व्यवस्था थी.
जिस समय हादसा हुआ उस समय पंजाब के मंत्री नवजोत सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर भी मौजूद थीं. प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि हादसे के बाद वो वहां से तुरंत निकल गईं. हालांकि बाद में नवजोत कौर सिद्धू ने आरोपों को खारिज करते हुए बताया कि वो घर पहुँच गयीं थीं. जब उन्हें खबर मिली तो वो तुरंत घायलों के इलाज के लिए अस्पताल पहुँचीं.
मैदान में ही एक दीवार है जो रेलवे लाइन और मैदान को अलग करती है. लोग दीवार और रेलवे ट्रैक पर मौजूद थे. हादसा शाम करीब साढ़े छह बजे हुआ लेकिन पुलिस और एंबुलेंस क़रीब एक घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंची.
अमृतसर के गुरुनानक अस्पताल, गुरु रामदास अस्पताल, फोर्टिस अस्पताल और पार्वती देवी अस्पताल मे चल रहा है घायलों का इलाज.