भारतीय रिजर्व बैंक ने परिचालन दिशानिर्देश और अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) नियमों का उल्लंघन करने के लिए एयरटेल पेमेंट्स बैंक (Airtel Payments Bank) पर पांच करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है.रिजर्व बैंक ने कंपनी पर यह जुर्माना बैंक के दस्तावेजों की जांच करने के बाद लगाया है.उसने पाया कि ग्राहकों की ओर से बिना किसी स्पष्ट रजामंदी के लोगों के खाते खोले गए.
केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, ‘भारतीय रिजर्व बैंक ने सात मार्च 2018 को एयरटेल पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर पांच करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. उस पर यह जुर्माना केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए केवाईसी नियमों और भुगतान बैंक परिचालन के दिशानिर्देशों की अवहेलना करने के लिए लगाया गया है.’ ग्राहकों की शिकायत थी कि उनकी बिना किसी स्पष्ट रजामंदी के एयरटेल पेमेंट्स बैंक ने उनके खाते खोले. इसे लेकर मीडिया में भी खबरें थीं, जिस पर रिजर्व बैंक ने 20-22 नवंबर 2017 को बैंक का पर्यवेक्षण दौरा किया.
पर्यवेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक बैंक के दस्तावेजों में पाया गया कि उसने केवाईसी नियमों और भुगतान बैंक परिचालन के दिशानिर्देशों की अवहेलना की है. इसके बाद रिजर्व बैंक ने 15 जनवरी को कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया और बैंक के उत्तर का आकलन करने के बाद उस पर यह मौद्रिक जुर्माना लगाने का निर्णय किया.एयरटेल पेमेंट्स बैंक ने पिछले साल जनवरी में अपना परिचालन शुरु किया था.
बता दें कि इससे पहले पिछले दिनों नोटबंदी से जुड़े निर्देशों का पालन नहीं करने पर आरबीआई ने एसबीआई पर 40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था.
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले एयरटेल पर ग्राहकों ने आरोप लगाया था कि मोबाइल नंबर का आधार वेरिफिकेशन के दौरान कंपनी ने ग्राहकों के एयरटेल पेमेंट्स बैंक में खुद ही अकाउंट ओपन कर दिया. यह मामला तब सामने आया जब एलपीजी सब्सिडी का अमाउंट उनकी ओर से निर्धारित बैंकों के सेविंग अकाउंट की जगह एयरटेल पेमेंट्स में जमा होने लगा. वहीं, ज्यादातर ग्राहकों ने ऐसे पेमेंट ट्रांसफर होने की शिकायत की और कहा कि एयरटेल पेमेंट्स बैंक अकाउंट के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.
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