Share

हरियाणा ने चौंकाया, महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना को स्पष्ट बहुमत

by Team TH · October 25, 2019

हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आ गए हैं, दोनों ही राज्यों के परिणाम चौंकाने वाले साबित हुए हैं। महाराष्ट्र में भले ही भाजपा और शिवसेना सत्ता में वापसी कर रहे हैं, पर भाजपा को पिछली बार के मुकाबले लगभग 18 सीटों का नुकसान होता नज़र आ रहा है। वहीं 2014 में हरियाणा में अपने बलबूते सत्ता का स्वाद चखने वाली भारतीय जनता पार्टी को इस बार हरियाणा की जनता ने सत्ता से दूर रखा है। अब हरियाणा में सत्ता की चाबी नई नवेली जननायक जनता पार्टी और कुछ निर्दलियों के पास में है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान एक बार भी ऐसा नहीं लगा कि कांग्रेस ये चुनाव जीतने के लिए लड़ रही है। वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार अपनी पार्टी की तरफ से अकेले प्रचार की कमान संभाले हुए थे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने नतीजों में शानदार प्रदर्शन किया और उनके इस प्रदर्शन को पार्टी का पुनर्जीवन कहा जा रहा है। वहीं बिना किसी बड़े प्रचार के कांग्रेस का पिछली बार के प्रदर्शन से कुछ सीट आगे रहने पर भी विश्लेषक आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं।
महाराष्ट्र चुनाव में कांग्रेस–एनसीपी और शिवसेना-भाजपा के अलावा चर्चा में रहने वाले दो दल और थे। एक वंचित बहुजन आघाडी तो दूसरा दल था आल-इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM), दोनों ही दलों के नेताओं ने पूरे महाराष्ट्र में खूब प्रचार किया था। वहीं इस चुनाव में निर्दलियों ने भी खासा प्रभाव छोड़ा।
पूरे चुनाव के दौरान ईडी के छापे भी खासे चर्चा में रहे, ज्ञात होकि भारतीय जनता पार्टी बदले की राजनीति के लिए कुख्यात हो चुकी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार और उनके कारीबियों पर ईडी के छापों के बाद शरद पवार ने कहा था। ये शिवाजी का महाराष्ट्र है, दिल्ली के आगे घुटने नहीं टेकता। शरद पवार के इस बयान का असर ये हुआ कि उनके लिए सिमपेथि बनी, जिसका फायदा एनसीपी को हुआ।
हरियाणा में जातिगत समीकरण का भारी असर नज़र आया, जाट बाहुल्य सीटों में भारतीय जनता पार्टी की करारी हार हुई है। जाट वोटर्स ने एकमुश्त वोट भाजपा को हराने के लिए दिया। यही वजह रही कि कांग्रेस को वो कामयाबी मिली जिसकी उसने कल्पना भी नहीं की थी।
लोकसभा चुनावों की हार के बाद कांग्रेस हरियाणा और महाराष्ट्र चुनावों में प्रचार से जैसे नदारद नज़र आई। पर भाजपा द्वारा 370 और पाकिस्तान के नाम पर राष्ट्रवाद का प्रचार ज़्यादा किया गया। पर हरियाणा की जनता ने भाजपा के इस फार्मूले को बिल्कुल भी तवज्जोह नहीं दी। बल्कि महंगाई और बेरोज़गारी के मुद्दे पर जनता ने खुद ही अपने वोट के जरिए खट्टर सरकार के लिए मुश्किलें पैदा कर दीं।

Browse

You may also like