लखनऊ, आज दिनांक 13 जनवरी 2020 को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के जीवन का अंतिम उपवास के दिवस पर, देश में राष्ट्रीय एकता स्थापित करने के लिए याद किया गया। महात्मा गाँधी के इस उपवास में आज प्रोफेसर रुपरेखा वर्मा, प्रोफेसर रमेश दीक्षित के नेत्रित्व में अमीक जामेई ने हज़रत गंज स्थित महात्मा गाँधी की प्रतिमा के नीचे गाँधी जी के भजन “ रघुपति राघव राजा राम …” और वैष्णव जनतो” गा रहे थे। तभी उत्तर प्रदेश की पुलिस ने प्रोफेसर रुपरेखा वर्मा , प्रोफेसर रमेश दीक्षित और महिला कार्यकर्ताओं के साथ अभद्रता और गाली गलोज किया, तथा अमीक जामेई के साथ बल प्रयोग कर थप्पड़ मारा का डिटेन किया।
इसके बाद मची अफरातफरी में प्रोफेसर दीक्षित ने कहा कि प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा 18-19 दिसंबर 2019 को जिस तरह से हिंसा को बढ़ावा दिया गया, 19 दिसम्बर शांतिपूर्ण आन्दोलन को हिंसक बनाने के लिए उत्तर प्रदेश में सरकार जिम्मेदार है। उस अशांति और हिंसा के खिलाफ आज के ऐतिहासिक दिन पर गाँधी की प्रतिमा पर सद्भाव और शांति के लिए गाँधी के भजन से भी सन्देश देना सरकार को नागवार गुज़रा है।
जबकि भारत के प्रधानमंत्री महात्मा गाँधी और उनके चश्मे का उपयोग कूड़ेदान से लेकर विदेश तक में करते हैं। आखिर ऐसा क्या है कि प्रधानमंत्री के महात्मा गाँधी और जनता के महात्मा गाँधी में प्रदेश सरकार भेद कर रही है। जबकि जनता का हक़ है, कि वो अपनी बात शांतिपूर्ण तरीके से रख सके।
प्रोफेसर रुपरेखा वर्मा ने कहा कि शांतिपूर्ण भजन में हिस्सा ले रही महिलाओं के प्रति प्रदेश (लखनऊ) की पुलिस का रवैया संदेह के घेरे में है। पुलिस विभाग मुख्यमंत्री के अंतर्गत है, क्या मुख्यमंत्री महिलाओं को अपमानित करने का निर्देश दे रहे है? महिलाओं के साथ अभद्रता की इजाज़त कानून भी नहीं देता। प्रदेश सरकार किसी भी नागरिक आवाज़ का दमन करना चाहती है। जबकि हम हमेशा शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीके से अपनी बात रखते हैं और रहेंगे। पुलिस दमन और सरकार के डर से ये आवाज़ नहीं दबेगी।
संविधान बचाओ देश बचाओ के संयोजक अमीक जामेई ने कहा कि पुलिस की ऐसी बर्बर कारवाई की हम पुरजोर आलोचना करते है। और राज्य सरकार से आशा करते हैं, कि नागरिकों को शांति पूर्ण अपनी बात रखने के लिए नागरिकों के अधिकारों के रक्षा और सुरक्षा के लिए उचित कदम उठायें। जिससे नागरिक शांतिपूर्ण तरीके से राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग दे सकें।
जामेई ने कहा की सरकार कह रही है, कि धारा 144 लगी है। लेकिन पूरे प्रदेश में CAA NRC के समर्थन में RSS BJP की रैलिया हो रही हैं। लखनऊ में भाजपा ने पदयात्राएं निकाली, क्या भाजपा के खिलाफ धारा 144 नहीं लगती? अगर ऐसा है तो हम जल्द पूरे प्रदेश में CAA-NRC के खिलाफ प्रशासन इजाज़त नहीं देता तो अदालत का दरवाज़ा खटखटाएंगे, जामेई ने कहा की पूरे प्रदेश में नागरिको को सरकार की बर्बरता से डरने की ज़रूरत नहीं है। नागरिक गाँधी जी के रास्ते संघर्ष का रास्ता अपनाये और लोकतान्त्रिक अधिकारों के संरक्षण के लिए आवाज़ उठाए।
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