अपने 105 साल से अधिक के इतिहास में पहली बार इंडियन साइंस कांग्रेस की सालाना बैठक को अनिश्चित समय के लिए टाल दिया गया है. साइंस कांग्रेस हैदराबाद के उस्मानिया विश्वविद्यालय में 3 से 7 जनवरी तक होनी थी.
इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी उस्मानिया यूनिवर्सिटी को दी गयी थी लेकिन उसने भी अपने हाथ यह कहते हुए खींच लिये कि परिषर के अंदर विरोध या किसी गड़बड़ी की आशंका है.ओस्मानिया यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने कैंपस में सुरक्षा कारणों से इसकी मेज़बानी करने में असमर्थता जाहिर की है.
यूनिवर्सिटी के कुलपति एस. रामचंद्रम और गुप्तचर विभाग की रिपोर्ट के आधार पर साइंस कांग्रेस को स्थगित किए जाने का फैसला लिया गया है. एसोसिएशन के महाप्रबंधक डॉ. अच्युत सामंत से मिली जानकारी के आधार पर स्थगन की सूचना विज्ञान और टेक्नोलॉजी मंत्रालय को दे दी गई है.
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मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि छात्रों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में प्रदर्शनों की आशंका को देखते हुए विवि ने इसके आयोजन में असमर्थता जताई है. उस्मानिया यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दलितों और अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पर कम सरकारी भर्तियां करने के विरोध में प्रदर्शन कर सकते हैं.
दुनिया भर के वैज्ञानिक, साथ ही दस हज़ार से ज़्यादा डेलीगेट्स, भारत के अन्य वैज्ञानिक संस्थानों के प्रमुख इस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेते हैं. नए राज्य तेलंगाना के गठन के बाद हैदराबाद में पहली बार भारतीय विज्ञान कांग्रेस का आयोजन किया जा रहा है.