मक्का स्थित मस्जिद अल हरम ( जहां पर क़ाबा है) की ये तस्वीर तक़रीबन 132 साल पुरानी है, ये तस्वीर लंदन में 271016 डॉलर में बिकी थी।
इस तस्वीर के पीछे एक दिलचस्प वाक़्या है
इस तस्वीर को एक ऐसे शख्स ने खींचा था जो मुसलमानों की तरह दिखने वाला लिबास पहनकर मक्का में जासूसी की ग़रज़ से घुसा था। उस शख्स का नाम “क्रिश्चयान स्नोक” था जो हॉलैंड का रहने वाला था, ये जिद्दा एम्बेसी में रहते हुए तक़रीबन डेढ़ साल में 2 किताबें भी लिखा था।
क्रिश्चयान हॉलैंड की लाइडन यूनिवर्सिटी में इस्लामी इतिहास और दीन के बारे में अच्छी तरह पढ़ा था, जब ये बातें दुनिया के सामने आईं तो, वो खत भी सामने आई जो इसने अरब में रहते हुए अपने दोस्तों को लिखा था, क्रिश्चयान ने लिखा था…. “यहां के आम नागरिक (मुसलमान) भी मुझे मुसलमान समझते हैं, और मुझपर ऐतबार करते हैं”
क्रिश्चयान ने मक्का और मदीना समेत हाजियों, ज़ायरीनों और उनके रहन सहन की तस्वीर भी ली थी, उसने हर जगह अपना नाम “अब्दुल गफ़्फ़ार” बताया या इस्तेमाल किया था। क्रिश्चयान को मक्का में दाखिल होने वाला पहला मग़रिबी जासूस या स्कॉलर भी कह सकते हैं। इस तस्वीर के इलावा भी बहुत कुछ था जिसको उसके परिवार ने क़ीमती पैसों में बेचा था।