नज़रिया – इस साज़िश की तरफ इशारा करती है बरेली के "शाहरुख की लिंचिंग"

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हम सभी इस बात से वाक़िफ हैं कि आजकल मोदी बौखलाए हुए हैं। राफेल घोटाला और नए एससी/एसटी एक्ट की वजह से सवर्ण हिन्दू मोदी से दूर जा रहे हैं। सवर्णों को बहलाने के लिए मोदी ने दलित/आदिवासी समर्थक बुद्धिजीवियों की गिरफ्तारी का शिगूफ़ा छोड़ा। परन्तु सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के कारण वह टायं-टायं फिस्स हो गया।
मगर जब सवर्णों ने ‘काले कानून’ एससी / एसटी एक्ट का विरोध जारी रक्खा तो यूपी में हालिया मॉब लिंचिंग की घटना को अंजाम दिया गया। यदि आप तथ्यों को पड़ताल करें तो सारे घटनाक्रम में कई विरोधाभास उभरकर सामने आते हैं जो संघी ब्रांड षड्यंत्र की तरफ सीधे इशारा करते हैं।
बुधवार को उत्तरप्रदेश के बरेली शहर में भैंस चुराने के शक़ में 20 साल के शाहरुख की भीड़ ने पीट-पीटकर ह्त्या कर दी। अपने गाँव के दो लोगों के साथ शाहरुख कैंट एरिया में भोलापुर गाँव गया हुआ था जहां कुछ लोगों ने उसे पकड़कर बुरी तरह पीटा।
बरेली के एसएसपी मुनिराज ने पुष्टि की कि शाहरुख के परिवार वालों ने उन दो लोगों के खिलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी जो उसे भोलापुर लेकर गए थे। शाहरुख के भाई मौहम्मद फ़िरोज़ द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक़ माज़िद अली और पप्पू नाम के दो शख्स मंगलवार की शाम को उसके भाई को अपने साथ ले गए थे।
शाहरुख उस दिन देर रात तक भी घर नहीं लौटा। अगले दिन बुधवार की सुबह फ़िरोज़ के पास पुलिस का फोन आया जिसमें उसे अस्पताल पहुँचाने के लिए कहा गया।
“मैंने अपने भाई को अस्पताल के बिस्तर पर लेटे हुए देखा…उसके सारे बदन पर ज़ख्म ही ज़ख्म थे। उसने माज़िद और अली का नाम लिया और कुछ ही पलों के बाद उसकी मौत हो गई”, फ़िरोज़ ने बताया। उसने आरोप लगाया कि माजिद और अली शाहरुख को कुछ नशीला पदार्थ खिलाकर उसे भोलापुर गाँव ले गए जहां कुछ लोगों ने उस पर हमला किया।
फ़िरोज़ की शिकायत के आधार पर पुलिस ने माजिद, पप्पू और “कुछ अज्ञात लोगों’ के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया। वहीँ दूसरी तरफ पुलिस कहती है कि भोलापुर गाँव के लोग दावा कर रहे हैं कि शाहरुख माजिद और पप्पू के साथ भैंस चुराते हुए पकड़ा गया था।
भोलापुर गाँव के निवासी गजेन्द्र पाल ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि ये तीनों उसकी भैंस चुराकर ले जा रहे थे। “जब मैंने इन तीनों को भैंस चुराकर ले जाते हुए देखा तो शोर मचाकर गाँव वालों को इकठ्ठा कर लिया। और उन्हें रोकने की कोशिश की। उनमें से दो तो नाले में कूदकर भाग निकले मगर हमने शाहरुख को पकड लिया”, गजेन्द्र ने बताया। जब गाँव वाले शाहरुख को पीटने लगे तो उन्हें रोकने के लिए गजेन्द्र ने पुलिस को बुलाया!
शाहरुख ईद पर दुबई से लौटा था जहां वह टेलरिंग का काम करता था। फ़िरोज़ और गाँव वालों की बातों में विरोधाभास साफ़ नज़र आ रहा है। दोस्तों, मोदी और संघी पब्लिक का ध्यान बांटने की हरचंद कोशिश कर रहे हैं। मगर आप अड़े रहिए। एससी/एसटी काले कानून का विरोध जारी रखिए। राफेल घोटाले के खिलाफ आवाज़ बुलंद करते रहिए।

नोट: यह लेख लेखक अमरेश मिश्र की फ़ेसबुक वाल से लिया गया है
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