पिछले कई हफ़्तों से तुर्की का अमरीका से विवाद बढ़ता जा रहा है. ट्रम्प प्रशासन ने तुर्की से आयातित स्टील पर आयर एल्युमिनियम में आयत शुल्क को बढ़ा दिया है. वहीं अमरीकी सरकार द्वारा तुर्की पर लगाए प्रतिबंधों के कारण तुर्की की मुद्रा लीरा में काफी गिरावट भी देखने को मिली है.
ज्ञात होकि इस साल लीरा में अब तक 40 फ़ीसदी की गिरावट आई है. यह गिरावट लम्बे वक़्त से जारी है. पांच साल पहले दो लीरा देकर एक अमरीकी डॉलर ख़रीदा जा सकता था, लेकिन अब एक डॉलर के लिए 6.50 लीरा देने पड़ रहे हैं.
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने कहा है कि विदेशी ताक़तों के कारण उनकी मुद्रा में गिरावट जारी है. तुर्की ने अमरीका पर पलटवार की चेतावनी दी है. अर्दोआन ने अपने भाषण में कहा है, ”अगर उनके पास डॉलर है तो हमारे पास लोग हैं, हमारे पास अपने अधिकार हैं और हमारे पास अल्लाह हैं.”
I have just authorized a doubling of Tariffs on Steel and Aluminum with respect to Turkey as their currency, the Turkish Lira, slides rapidly downward against our very strong Dollar! Aluminum will now be 20% and Steel 50%. Our relations with Turkey are not good at this time!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) August 10, 2018
एर्दोआन के इस बयान के बाद तुर्की के ही कुछ विशेषज्ञों का कहना है, कि एर्दोआन का ये बयान समस्याओं को और बढाने वाला है, इससे समस्याओं का खात्मा नहीं होगा. बल्कि तनाव और बढेगा. ज्ञात होकि एर्दोआन के पास तुर्की में बड़ा जनसमर्थन है.
विश्लेषकों का मानना है कि तुर्की को विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों से व्यापक पैमाने पर संपत्ति ख़रीद स्कीम के तहत फ़ायदा मिलता रहा है. लेकिन हाल के वर्षों में इसमें गिरावट आई है. अमरीका और यूरोज़ोन का तुर्की को लेकर रवैया बदला है. तुर्की में ऐसे निवेश से आने वाले पैसे अब ना के बराबर हो गए हैं
ज्ञात होकि 2016 में तख्तापलट की नाकाम कोशिश के बाद से अर्दोआन तुर्की की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं. तुर्की के बैंकों पास इतनी विदेशी मुद्रा नहीं है कि वो असंतुलित बाज़ार को काबू में करने के लिए कोई क़दम उठाए.