दिल्ली की केजरीवाल सरकार देश भर ही नहीं विदेशों तक मे अपने “शिक्षा के मॉडल” का शोर कर रही है,और कह रही है कि दिल्ली सरकार ने विश्व लेवल के स्कूल बनवाये हैं,लेकिन राजधानी दिल्ली ही में एक ऐसा स्कूल है जो कूड़ाघर जैसी स्थिति में है।
उत्तर पूर्वी दिल्ली यानी यमुना पार के मुस्तफाबाद इलाके में केजरीवाल सरकार आने के बाद से लोगों को बहुत उम्मीद थी कि यहां सुधार काम होगा,बाकी सुधार को अगर अलग भी कर दें रुओ बीते 6 साल की सरक़ार में सरकार ने इस स्कूल के लिए कोई भी सुधार का काम नहीं किया है,क्या ऐसा सिर्फ इसलिए है कि ये इलाका मुस्लिम बाहुल्य है,और मुसलमान यहां बड़ी संख्या में रहते हैं।
इस स्कूल के आस पास का हाल तो ये है कि बड़े इलाके में मौजूद ये स्कूल 4 शिफ़्ट में चलता है,यहाँ पर सुबह की दो शिफ्टों में लड़कियां और शाम की दो शिफ्टों में लड़के पढ़ते हैं,हद ये है कि इस स्कूल के आस पास की खाली जमीन में कूड़ा तक फैंका जाता है।
मुस्तफाबाद इलाके में रहने वाले और यहां सोशल वर्कर अमजद अंसारी बताते हैं कि “बीते 1 साल से हाजी यूनुस विधायक हैं, और 6 साल इनकी राज्य में सरकार है,लेकिन इस इलाके में कोई भो सुधार का कोई भी काम नहीं किया गया है,क्यूंकि केजरीवाल और हाजी यूनुस नहीं चाहते हैं कि मुसलमानों के बच्चे पढ़ाई करें”
इलाके को जांचने के बाद ये मालूम चला पाया है कि इस “मुस्तफाबाद” इलाके के विधायक हाजी यूनुस हैं,यहां की निगम पार्षद परवीन मारूफ हैं लेकिन कोई भी ज़रूरी कदम नहीं उठाया गया है,एक तिनका हिलने भर में भाजपा को इल्ज़ाम देने वाले आम आदमी पार्टी के नेता क्यों इस तरफ ध्यान नहीं देना चाहते हैं ये बहुत जरूरी सवाल है।
इस मुद्दे पर हमने विधायक हाजी यूनुस से बात करने की कोशिश की है लेकिन हमारी उनसे बात नहीं हों पाई है,तब तक के लिए उनके मत के लिए जगह खाली है,लेकिन उनसे सवाल भी हैं,क्या आपको ये स्कूल बनवाने से भाजपा रोक रही है? या आप ये स्कूल बनवाने के बाद मुस्लिम बच्चों को यहाँ पढ़ते हुए नहीं देखना चाहते हैं?