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पत्रकार शांतनु भौमिक की हत्या के पीछे कौन ?

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दिनरात चैनल के पत्रकार शांतनु भौमिक की त्रिपुरा में हत्या में किसका हाथ?

  • IPFT पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहा था। कल CPM के संगठन TRUGP और IPFT में झड़प हो गई। शांतनु भौमिक वही कवर कर रहे थे।
  • IPFT के समर्थकों ने शांतनु पर हमला किया। फिर अपहरण कर लिया। पुलिस को जब घायल अवस्था में शांतनु मिले तो उन्हें अगरतल्ला के अस्पताल लाया गया। डॉक्टर ने मृत घोषित किया।
  • IPFT ने बीते कई दिनों से अनिश्चितकालीन बंद कर रखा है। 19 सितंबर को बड़ी हिंसा हुई थी। कई जगहों पर धारा 144 लागू है।
  • IPFT यानी Indigenous Peoples Front of Tripura वर्षों से NDA की समर्थक रही है। बीच में इस पार्टी का INPT में विलय हो गया था। 2009 में फिर से पार्टी अलग हो गई।
  • IPFT के यूथ प्रेसिडेंट पबित्र जामतिया कई और नेताओं के साथ जून में बीजेपी में शामिल हो गए।
  • IPFT और बीजेपी के बीच स्वागत-स्वागत का खेल तब से जारी है।
  • IPFT के अध्यक्ष एन सी देबबर्मा जुलाई में दिल्ली आए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत बीजेपी के कई नेताओं से मिले।
  • यहां से जाते ही अलग राज्य का आंदोलन शुरू कर दिया। बीजेपी IPFT के फुल सपोर्ट में है।
  • इसके बाद शांतनु की हत्या हो गई और बीजेपी ट्विटर पर राज्य सरकार से क़ानून-व्यवस्था बहाल करने की मांग कर रही है।

जहां-जहां इनके कदम पड़े, वहां-वहां ऐसे ही हालात बने।

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