जब शिक्षा मंत्री ने जनता से कहा: “मरना हो तो मर जाओ”

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कोविड-19 के कारण देशभर की शिक्षा व्यवस्था को काफी जोर का झटका लगा है। मई 2019 से लेकर अब तक, करीब 2 सालों से देश के तमाम निजी वह सरकारी स्कूल ऑनलाइन मोड में ही पढ़ाई करवा रहे हैं। स्कूलों को किसी भी अनलॉक की प्रक्रिया में राहत नहीं दी गई है।

स्कूल के खर्च में कोई कमी नहीं आई है बल्कि उनकी आमदनी में कमी जरूर आई है। क्योंकि स्कूल को अपने स्टाफ का पेमेंट तो करना पढ़ रहा है लेकिन वो बच्चों से ट्रांसपोर्ट फीस नहीं ले पा रहे है, जिससे उनकी आमदनी में कमी आई है।

लेकिन फिर भी अभिभावकों का मानना है की,” स्कूल उनसे अधिक पैसे लेता है, जबकि कोरोना महामारी के कारण स्कूल को अपनी फीस कम करनी चाहिए।”

मध्य प्रदेश में फीस माफी के चक्कर में बड़ा बवाल

29 जून को मध्य प्रदेश के अभिभावक संघ (पालक संघ) ने स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से स्कूल फीस की माफी को लेकर उनके आवास पर मुलाकात की।

अभिभावकों ने मंत्री जी से स्कूल फीस में कुछ कंसेशन करने की मांग की क्योंकि कोरोना के कारण पूरे देश के साथ साथ मध्यप्रदेश में भी आर्थिक स्थिति डगमगाई है।

इस पर मंत्री इंदर कुमार जी का जवाब था,” फीस में कोई कंसेशन नहीं हो सकती। तुम लोगों को जो करना है करो, मरना है तो मरो। ”

 

मंत्री के खिलाफ करेंगे मानहानि का केस – पालक संघ

पालक संघ के अध्यक्ष कमल विश्वकर्मा ने कहा, ” स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर कुमार परमार के खिलाफ पालक संघ मानहानि का केस करेंगी।

हम सभी अपनी एक सामान्य से मांग ले कर मंत्री जी के पास गए थे जिस पर उन्होंने बहुत ही असामान्य और बेतुकी बात कही। मंत्री जी के इस बयान पर पालक संघ के सदस्य काफी आक्रोसित है।”

मुद्दे पर राजनीति हुई तेज

इंदर कुमार के इस विवादित बयान पर कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ के मीडिया कॉर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा ने सीधा निशाना बीजेपी पर साधा है। उनका कहना है,” मंत्री जी का इस तरह से बेशर्मी भरा बयान सामने आना काफी निंदनीय है।

यह उनके पार्टी की मानसिकता को दिखाता है, पालक संघ काफी उम्मीदों से उनके पास फीस माफी के लिए गई थी। मगर उन्होंने काफी गैर जिम्मेदाराना जवाब दिया है। मध्य प्रदेश के ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल से मंत्री के विवादित बयान का वीडियो भी शेयर किया गया है।

वही दूसरी तरफ मंत्री जी के बचाव में उनकी पार्टी बीजेपी सामने आई। बीजेपी प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसौदिया ने कहा कि, “पालक संघ के लोगों से स्कूल शिक्षा मंत्री ने कुछ समय रुकने को कहा है।

उन्होंने थोड़ा रिसर्च करके जवाब देने को कहा। लेकिन संघ के लोगों के बार बार कहने पर की क्या करे तब तक, मर जाए, मंत्री ने बस इतना कहा कि मरोगे क्यों, मैं कुछ करता हूं। इस मुद्दे पर फालतू में राजनीति की जा रही है।”

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