सीरिया का गृहयुद्ध अब बड़े युद्ध की तरफ़ बढ़ रहा है, लोग इसे तृतीय विश्वयुद्ध की शुरूआत भी कह रहे हैं. दरअसल अमेरिका,फ्रांस और ब्रिटेन की सेनाओं ने सीरिया पर हमला बोल दिया है. वहीं सीरियाई सेनाओं की ओर से लड़ रहे रूस ने इसे अपना अपमान बताया है.
रूस ने तीनों देशों की कार्रवाई पर चेतावनी देते हुए कहा कि इसका नतीजा युद्ध हो सकता है. अमेरिका में रूसी दूतावास ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का अपमान कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सीरिया पर हवाई हमले से रूस और अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के बीच टकराव होने की आशंका बढ़ गई है.
ज्ञात होकि पिछले हफ्ते सीरिया के डूमा में केमिकल हमला हुआ था, जिसकी चपेट में बच्चों और महिलाओं समेत करीब 500 लोग आए थे. इसकी दुनिया भर में कड़ी निंदा हुई थी.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस केमिकल हमले का आरोप रूस, ईरान और सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद पर लगाया था. उन्होंने सीरियाई राष्ट्रपति के समर्थन करने पर रूस और ईरान को भी चेतावनी दी है.
रासायनिक हथियार के इस्तेमाल पर सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद का जिक्र करते हुए अमरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “ये किसी इंसान नहीं बल्कि एक शैतान के अपराध है.”
उन्होंने कहा, ”फ्रांस और ब्रिटेन के साथ संयुक्त ऑपरेशन सीरिया में जारी है. हम इसके लिए दोनों को धन्यवाद देते हैं.” ट्रंप ने कहा, ”यह हमला रूस द्वारा सीरिया की असद सरकार को रासायनिक हथियार के इस्तेमाल करने से रोकने में विफल रहने का ‘सीधा परिणाम’ है.”
ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने ब्रिटिश सेना को सीरिया पर संयुक्त कमान में हमला करने के लिए की अनुमति दी. थेरेसा मे ने हमले में शामिल होने की घोषणा करते हुए कहा कि ये हमला “सीमित और लक्ष्य-केंद्रित” होगा. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी युद्ध में फ्रांस के शामिल होने की घोषणा की.
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