भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने ई-आधार के लिए डिजिटल हस्ताक्षर वाला नया क्यूआर कोड शुरू किया है,जिसमें आधार धारक की फोटो के अलावा जनसांख्यिकीय विवरण भी होगा. जिससे आधार धारक का ऑफलाइन वेरिफिकेशन हो सकेगा.नए क्यूआर कोड को पढ़ने के लिए UIDAI ने क्यूआर कोड रीडर सॉफ्टवेयर 27 मार्च से वेबसाइट पर उपलब्ध करा दिया है.
“क्यूआर कोड” दरअसल बार कोड लेबल का ही एक प्रारूप होता है जिसमें मशीन से पढ़ी जा सकने वाली जानकारियां समाहित होती हैं. जबकि “ई-आधार” आधार का ही इलेक्ट्रॉनिक वर्जन है जिसे यूआइडीएआइ की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है.
नए क्यूआर कोड आने से अब फिंगर प्रिंट या रेटिना मैच नहीं होने पर किसी को भी सरकारी योजनाओं के इस्तेमाल से रोका नहीं जा सकेगा.वहीं, UIDAI का दावा है कि इससे आधार होल्डर का डेटा पहले से ज्यादा सुरक्षित होगा.
UIDAI के सीईओ अजय भूषण पांडे के मुताबिक़ “यह एक ऐसी सरल ऑफलाइन व्यवस्था है जिससे आधार कार्ड की प्रामाणिकता का तुरंत सत्यापन किया जा सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए कि व्यक्ति उस आधार कार्ड का वास्तविक धारक है, व्यक्ति के फोटो का मिलान उसके चेहरे से मानवीय तरीके से ही करना होगा”
बता दें कि सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए केंद्र ने आधार को अनिवार्य कर दिया है और सरकारी योजनाओं से आधार को लिंक करने की आखिरी तारीख 30 जून है.