जब भी इतिहास पढ़ाया जायेगा तो इस भाषण को राहुल के जीवन का सर्वश्रेष्ठ भाषण बताया जायेगा। आज संसद में राहुल गांधी ने जिस अंदाज़ में सरकार को घेरा है, शायद ऐसा पहले कभी नही देखा गया। राहुल का आत्मविश्वास अकल्पनीय था, इतना आत्मविश्वास से लबरेज़ राहुल कभी नही दिखे। एक वक़्त ऐसा भी आया था, जब लंबे समय तक राहुल की बातों को सत्ताधारी बहुत ही खामोशी से सुन रहे थे। राहुल ने पेगासस से लेकर न्यायपालिका सब पर बोला। राहुल ने कहा कि न्यायपालिका, पेगासस और चुनाव आयोग लोगों की आवाज़ चुप कराने वाले उपकरण हैं। इस दौरान राहुल को जब सत्ताधारी सांसदों ने टोका और इमरजेंसी की याद दिलाई तब राहुल ने कहा, मैं इमरजेंसी पर भी बोलूंगा, मैं बोलने से नही डरता। राहुल की यह लाईन सर्वाधिक चर्चा में रही।
अर्थव्यवस्था से लेकर विदेशनीति और देश के आंतरिक मामलों में राहुल गांधी ने जिस अंदाज़ में सरकार की विफलताओं को गिनाया। बेरोज़गारी पर बात करते हुए युवाओं का नेतृत्व जिस अंदाज़ में राहुल ने किया वो बेहद ही शानदार था। राहुल गांधी ने किसान आंदोलन का ज़िक्र किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा निशाना साधा।
राहुल ने बर्बाद हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मध्यम एवं लघु उद्योगों (MSME’s ) को सरकारी मदद की बात कही। इस दौरान राहुल ने एक बार फिर अडानी और अंबानी को राहुल ने घेरा, राहुल ने कोरोना का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह से कोरोना के अलग अलग वेरियेंट फैलते हैं, कभी डेल्टा तो कभी ओमिक्रोन फ़ैलता है। ऐसे ही देश में सभी क्षेत्रों में AA वेरिएंट फ़ैलाया जा रहा है। जैसे ही राहुल गांधी ने AA कहा, सदन में कई सांसदों ने इसका फुलफ़ॉर्म Adani और Ambani बताया।
Rahul Gandhi ने कहा कि सरकार की नीतियों पर करारा हमला करते हुए कहा कि सरकार Make in India की बात करती है, पर Made in India हो ही नही सकता, क्योंकि सरकार ने जिन लघु एवं मध्यम उद्योगों को बर्बाद किया है, वही इस देश में मेन्युफेक्चरिंग सेक्टर की रीढ़ थे। और आपने ( नरेंद्र मोदी सरकार ने ) पहले नोटबंदी और GST से और फिर कोरोना ने इस सेक्टर को तबाह कर दिया है।
राहुल ने देश की एकता और अखंडता पर मोदी सरकार को जमकर घेरा, इस दौरान राहुल ने कहा कि यह देश Unoin Of State राज्यों का संघ है। सबकी अपनी संस्कृति है, सबकी अपनी अपनी ज़रूरतें हैं। यह किंगडम नही है, कि आप एक ऑर्डर से पूरे देश में राज कर लें। यह देश वार्ता से चलेगा। राहुल ने राज्यों के अधिकारों पर ज़ोर दिया और बार बार मोदी सरकार द्वारा अपनायी जाने वाली उस नीति का विरोध किया, जिसमें राज्यों के अधिकारों को कमज़ोर किया जा रहा है। राहुल ने अपने भाषण में अप्रत्यक्ष रूप से हर क्षेत्र और राज्य की संस्कृति को सम्मान देने और बाहुल्यता में एकता को हाल के दिनों में पहुंचाए गए नुकसान का ज़िक्र किया।
राहुल ने विदेश नीति का ज़िक्र करते हुए मोदी सरकार पर सबसे बड़ा हमला बोला, राहुल गांधी ने कहा कि इस सरकार की नीतियों ने चीन और पाकिस्तान को एक साथ खड़ा कर दिया है। चीन एक रणनीति पर काम कर रहा है, उसी रणनीति के तहत डोकलाम और लद्दाख में गतिविधियां हूँ। जब राहुल चीन का ज़िक्र कर रहे थे, तब भाजपा सांसदों ने कुछ कह तो राहुल ने उन्हें ये कहते हुए चुप कराया कि उस सदन में सभी लोग राष्ट्रवादी हैं। इस पूरे भाषण के दौरान राहुल ने बार बार एक शब्द कहा कि आपने देश को ख़तरे ने डाल दिया है । और इसी लाईन के साथ राहुल गांधी ने अपने भाषण को ख़त्म भी किया।
पूरे भाषण के दौरान राहुल गांधी ने जिस अंदाज़ में सरकार को हर क्षेत्र में घेरा है, ऐसा कभी नही देखा गया। इससे पहले जब भी राहुल गांधी ने सरकार को घेरा है, वो कोई एक खास मुद्दा होता था। पर ये पहली बार था, जब राहुल ने Narendra Modi सरकार को हर तरह से विफ़ल साबित करने की कोशिश की है। राहुल के भाषण में सबसे अहम चीज़ उनका आत्मविश्वास था। आज राहुल के भाषण की सबसे बड़ी चीज़ यही मानी जायेगी कि एक दो बहस को छोड़ दिया जाए तो राहुल को सत्तापक्ष बहुत देर तक खामोशी से सुन रहा था।