भारत में 20 जिले को ईद उल अज़हा का पर्व मनाया जाना है। अब ईद उल अज़हा को लेकर योगी सरकार ने कुछ नए दिशानिर्देश जारी किए हैं जिन्हें जान लेना आपके लिए बेहद ज़रूरी हैं। यूपी में ईद उल अज़हा 2021 के ध्यान में रखते हुए अधिकारियों को सभी ज़रूरी इंतजाम करने के निर्देश दिया हैं। साथ ही जानता से अपील की है कि वह पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पर्व मनाएं। इसके साथ ही यूपी सरकार के प्रवक्ता ने कई अन्य कामों को लेकर भी निर्देश दिए हैं जिनकी चर्चा हम सिलसिलेवार ढंग से करेंगे।
बकरे के अलावा इन जानवरों की कुर्बानी पर है प्रतिबंध
ईद उल अज़हा के चलते यूपी सरकार की और से कहा गया है कि राज्य ने कहीं भी गौवंशीय पशु ( गाय, भैंस, बैल बछड़ा इत्यादि) की क़ुरबानी नही दी जा सकती।
50 से अधिक लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी
कोरोना महामारी और संभावित तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने एक स्थान पर 50 से ज्यादा लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी लगा दी है। इसका मतलब है कि एक स्थान पर सिर्फ 50 लोगों को उपस्थित रहने की अनुमति होगी।
सार्वजनिक स्थानों पर नहीं दी जा सकेगी कुर्बानी
सरकार के जारी दिशानिर्देशों में ये साफ तौर पर कहा गए है कि राज्य में किसी भी सार्वजानिक स्थान पर कुर्बानी नहीं दी जाएगी। कुर्बानी के के लिए चिन्हित और निजी स्थलों का प्रयोग करने की ही अनुमति है।
इसके साथ ही सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार ईद उल अज़हा के समय होने वाले कचरे का निपटारा सही तरीके से करना होगा। और स्वच्छता का विशेष रखने का भी निर्देश है। गौरतलब हो कि इस बार ईद उल अज़हा 21 जुलाई की मनाई जाएगी।
क्या है कुर्बानी का महत्व
इस्लाम धर्म में कुरबानी का काफी महत्व है। मीठी ईद के करीब 70 दिन बाद ईद-उल-अजहा (बकरीद) मनाई जाती है। ईद-उल-अजहा को ईद-उल-जुहा भी कहा जाता है। यह दिन लोगों को सच्चाई की राह में अपना सबकुछ कुर्बान कर देने का संदेश देता है। ईद-उल-अजहा को हजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है।