मध्यप्रदेश के सिवनी ज़िले में भ्रष्टाचार का एक बड़ा नमूना सामने आया है, एक पुल जिसका अभी उद्घाटन भी नहीं हुआ था, पहली ही बारिश में बह गया, और साथ ही इस पुल के मोटे मोटे पिलर्स भी ताश के पत्तों की तरह बिखर गए। आमजन इस पुल के इस तरह ढह जाने से हतप्रभ हैं।
दरअसल मामला सिवनी ज़िले के ग्राम सुनवारा का है, बैनगंगा नदी पर बना यह पुल भीमगढ़ गाँव को सुनवारा से जोड़ता था। चूंकि भीमगढ़ में बैनगंगा नदी पर संजय सरोवर डेम बना हुआ है। इसलिए यह पुल अपने आप में बड़ा ही महत्व रखता था। पर 25 अगस्त के बाद से हुई लगातार बारिश ने इसमें हुए भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है।
3 करोड़ 7 लाख की लागत से बना यह पुल दो वर्ष पूर्व बनना शुरू हुआ था। 1 सितंबर 2018 से शुरू हुआ निर्माण कार्य पूरा होने के बाद जुलाई 2020 से इस पर आवागमन शुरू हुआ था, अभी इसका औपचारिक उद्घाटन भी बाक़ी था। प्रशासनिक महकमे में इस घटना के बाद से ही भारी हलचल है, वहीं सिवनी कलेक्टर फटिंग राहुल हरीदास ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं।
ज्ञात होकि मध्यप्रदेश में अगस्त का आखरी सप्ताह भारी बारिश के बाद हुई तबाही चश्मदीद बन गया, लगातार हुई बारिश से महाकौशल, भोपाल और मालवा निमाड़ अंचल में फसलों , घरों और जानवरों को भारी नुक्सान हुआ है। मक्का और सोयाबीन की फ़सल लगभग बर्बाद हो चुकी है।
इस भारी बारिश के चलते कई जगह पुराने और जर्जर पुल ढह गए हैं, पर जिस पुल की हम बात कर रहे हैं। यह एक नवनिर्मित पुल था, इसके ढह जाने का अंदेशा शायद ही किसी को। बारिश से ढहे इस पुल की तस्वीरें देखकर, इसमें हुए भ्रष्टाचार का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। बताया जा रहा है, कि पुल निर्माण का ठेका भोपाल की एक कंपनी के पास था। अब जांच होगी, तब काले करतूत में शामिल सभी चेहरे सामने आएंगे। और वो चेहरे भी तब सामने आएंगे, जब जांच अच्छे से हो । अगर जांच ही ढंग से न हो तो वो गुनहगार भी सामने नहीं आएंगे। अब देखना ये है, कि क्या इस भ्रष्टाचार की पोल खुलेगी ? क्या जनता का पैसा डकारने वाले गुनाहगार सामने आएंगे।