छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों ने एक बार फिर बड़ी घटना को अंजाम दिया है. इस हमले में कम से कम नौ सीआरपीएफ जवानों के मारे जाने की ख़बर है. नक्सलियों ने अपनी रणनीति को अंजाम देने के लिए किस्तराम और पलोदी के बीच सड़क को टारगेट बनाया था.
हमले को अंजाम देने वाले सभी नक्सली यूनिफॉर्म में थे. सुरक्षा बलों ने पहले समझा कि ये सभी सीआरपीएफ की अन्य बटालियन के ही साथी हैं, लेकिन बाद में उन्हें पता लगा कि ये सब नक्सली हैं, इनमें से कुछ काले रंगे की डांगरी पहने हुए थे.
सूत्रों के मुताबिक क्रिस्टारम थाने से सीआरपीएफ की 212वीं बटालियन के जवान’एंटी लैंडमाइंस व्हीकल’में सवार होकर सड़क निमार्ण कार्य में लगे श्रमिकों की सुरक्षा के लिए पालोदी गांव की ओर रवाना हुए थे. घात लगाए बैठे नक्सलियों ने वाहन को लक्ष्य करते हुए बारूदी सुरंग विस्फोट कर दिया. विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि वाहन के परखच्चे उड़ गए और वाहन में सवार आठ जवान मौके पर ही शहीद हो गए.
सीआरफीएफ के अधिकारियों ने बताया कि सुकमा जिले में चल रहे अभियान में सुबह करीब आठ बजे नक्लसियों का जवानों से मुठभेड़ हुई थी. 208 कोबरा जवानों की कार्रवाई के बाद वे भाग निकले थे.
इंडिया टुडे आजतक के अनुसार – नक्सलियों ने इस हमले को अंजाम देने के लिए बीजापुर के जंगलों में एक बड़ी मीटिंग की थी और इस मीटिंग में नक्सली कमांडर हिडमा और पुलारी प्रसाद के साथ 200 नक्सली शामिल हुए थे.
ज्ञात होकि पिछले साल भी सुकमा इलाके में ही सबसे बड़ा नक्सली हमला हुआ था. इसमें करीब 25 जवान शहीद हुए थे. ये हमला 24 अप्रैल, 2017 को सुबह के समय ही किया गया था.