शशि थरूर विदेशी मामलों के जानकर के तौर पर जाने जाते है और मुख्यतः ब्रिटिश शासन पर गहरे अध्ययन के लिए. उन्होंने ब्रिटिश शासन की धज्जियां उड़ाते हुए एक पुस्तक ‘इरा ऑफ़ डार्कनेस’ के नाम से लिखी है. थरूर की अपनी फर्राटेदार अंग्रेजी के लिए जाने जाते है . और उनका अंग्रेजी उच्चारण तो कयामत सा लगता है.
शशि थरूर एक विडियो इन दिनों इंटरनेट पर आजकल खूब धमाल मचाये हुए है दरअसल यह वीडियो एबीसी टीवी के एक सवाल-जवाब और पैनल डिसकशन का है. इस वीडियो में वो लगातार और मुखजुबानी ब्रिटिश के उन तथ्यों को नकार रहे है जिसमें अंग्रेज कहते कि ‘ब्रिटेन ने भारत को आधुनिकता का पथ दिखाया’.उन्हें वहां स्थित लोगों का समर्थन भी काफी मिल रहा है और लोग उनको चीयर कर रहे है.
क्या कहा शशि थरूर ने?
शशि थरूर से जब पूछा गया कि भारत में इंजीनियरिंग की सारी तकनीकी ब्रिटेन ने ही ईजाद की है. डेमोक्रेसी,आधारभूत ढांचा और तीव्र शिक्षा जैसी चीजें ब्रिटिश सरकार की ही देन हैं. इस पर आप क्या कहेंगे?
इसका जवाब देते हुए शशि थरूर ने कहा, ‘ब्रिटिश लोग दुनिया के सबसे अमीर देशों में से एक में आए थे. 1700 में इस देश की जीडीपी दुनिया की जीडीपी की 27 फीसदी थी और 1800 में 23 फीसदी थी। 200 सालों तक शोषण और लूट के बाद उन्होंने इसे दुनिया की 3 फीसदी जीडीपी तक पहुंचा दिया।’
थरूर ने कहा, ‘जब ब्रिटिश 1947 में देश छोड़कर गए तब 90 फीसदी जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे जी रही थी. आपने शिक्षा की बात की. साक्षरता दर तब 17 फीसदी थी और जीवन दर 27 फीसदी रह गई थी. ब्रिटिश इंडिया में 1900 से 1947 तक मात्र 0.001 फीसदी की दर से विकास दर बढ़ी. देश का टैक्स और संसाधन बाहर ले जाते हुए वो ये सब कर रहे थे.’
उन्होंने आगे कहा, ‘शिक्षा. वो भी ब्रिटिश! आखिरी चीज जिसमें ब्रिटिश इन्वेस्ट करना चाहते थे, वह शिक्षा थी. अमेरिकी इतिहासकार विल डूरैंट ने भारत यात्रा के दौरान कहा था कि 1930 तक ब्रिटिश सरकार का शिक्षा बजट न्यू यॉर्क के हाईस्कूल शिक्षा बजट का आधा था।’
थरूर ने कहा, ‘सारे आईआईटी, इंजीनियरिंग की उपलब्धियां, जिसका आपने जिक्र किया, ये सब आजादी के बाद भारत सरकार की ही देन है.
भारत को जिस हाल में ब्रिटिश लोगों ने छोड़ा वहां से भारत का उभार और उसकी उपलब्धियों की तुलना नहीं हो सकती.’
पूरा विडियो यहां देखे:
https://youtu.be/WF8Fhjp03xk