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अपनी संपत्ति का ब्यौरा दें आईएएस, नहीं तो रोक देंगे प्रमोशन – केंद्र सरकार

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केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार पर शिंकजा कसने के ​लिए सख्त कदम उठाने की बात करते हुए, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सभी अधिकारियों से अगले महीने तक अपनी संपत्तियों का ब्योरा देने को कहा गया है.
ज्ञात होकी सभी सरकारी कर्मचारी और अधिकारी अपनी संपत्ति का ब्यौरा पहले से ही देते आ रहे हैं. तो फिर इस फरमान का क्या अर्थ. ऐसी चर्चाएँ आम हैं, की सरकार ये दिखाना चाहती है, की मोदी सरकार भ्रष्टाचार के मामले में बिलकुल सख्त है. पर जब पहले से ही ब्यौरा देने का कार्य जारी है, तो फिर ये बयानबाजी क्यों ? सवाल उठना तो लाज़मी है.
सरकार द्वारा अधिकारियों को यह चेतावनी भी दी गई है कि अगर वो ऐसा करने में विफल रहे तो उनकी पदोन्नति और विदेशी पोस्टिंग के लिए आवश्यक सतर्कता मंजूरी से नहीं दी जाएगी.
 
विफल रहने वाले अधिकारियों को प्रोन्नति और विदेशों में पोस्टिंग के लिए अनिवार्य निग
रानी अनापत्ति नहीं मिलेगी. कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने सभी केंद्रीय विभागों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस संबंध में पत्र भेज दिया है. सभी से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कार्यरत आइएएस अधिकारी 31 जनवरी 2018 तक अपनी अचल संपत्ति रिटर्न उनके पास जमा करा दें.
हाल ही में भेजे गए संदेश में स्थापना अधिकारी एवं अतिरिक्त सचिव पीके त्रिपाठी ने कहा है, ‘कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के चार अप्रैल 2011 के निर्देशानुसार यह दोहराया जा रहा है कि समय पर अचल संपत्ति रिटर्न भरने में विफल रहने की स्थिति में निगरानी अनापत्ति नहीं दी जाएगी.’
अचल संपत्ति रिटर्न भरने के लिए एक ऑनलाइन माड्यूल तैयार किया गया है। अधिकारियों के पास 31 जनवरी तक रिटर्न की हार्ड कॉपी अपलोड करने का विकल्प है. देश भर में 5004 भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) अधिकारी कार्यरत हैं.

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