सबसे पहले बकवास करने वाले हर नेता से जेलभरो शुरू हो…अनगर्ल बयान करने वाले हर एक नेता को सलाखों के पीछे होना चाहिए।
जिस तरह ईश्वर-अल्लाह दोनों एक ही नाम हैं…उसी तरह आज दिल्ली में आग लगाने वाले भी एक ही हैं। वो जो बड़े हैं आते हैं, अपने अनुयाईयों के बीच जहर उगलते हैं। भीड़ भेड़चाल चलती है। गुमराह होती है। नौजवान हाथ में हथियार उठाते हैं….सब मिलकर बेडागर्ग अपने ही देश का कर रहे हैं। याद रखिए देश आपको माफ नहीं करेगा। हम आपको माफ नहीं करेंगे….मैं आपको कभी माफ नहीं करूंगी। आपने मेरा अपना-हमारा-सबका देश बर्बाद करके रख दिया ना….अब होश में आओ सुधारो हर उस चीज को जो बर्बाद करके रख दी है.
शर्म करो…चुल्लू भर पानी में डूब मरो…हाँ और कुछ नहीं लिखूंगी। क्योंकि ना तो धर्म का धतूरा खाया है, ना ही किसी पंथ का….आज कुछ चाहिए हमें तो सिर्फ इतना कि शांति-शांति-शांति चिल्लाएं…ताकि बहरे कुछ तो सुने।
आज कुछ चाहिए तो इतना कि बंदूक उठाने वाले युवा ही नहीं उन्हें बरगलाने वाले नेता भी सलाखों के पीछे हो। उनका भी करियर तबाह हो।
आज कुछ चाहिए तो इतना कि हर हाथ बढ़े और एक दूसरे को गले लगाएं। आज सिर्फ चाहिए इतना कि जो दो नीरो बैठे बांसुरी बजा रहे हैं, वो होश में आए। ये नफरत की आग देश में जंगल की आग की तरह फैले उससे पहले मोहब्बत का पानी डालो यारों…
चलते-चलते…जिस तरह अच्छे लोग दोनों तरफ हैं उसी तरह से बुरे और हद दर्जे से लिजलिजे लोग दोनों तरफ हैं….अच्छों को अब बुरों पर हावी होना होगा वरना अच्छाई किसी चूल्हें में जलती नजर आएगी।
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