लखीमपुर खीरी का बवाल,जहां शहीद हो गए 5 किसान

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पिछले करीब 10 महीनों से चला आ रहा किसान आंदोलन,जब बढ़ते लखीमपुरखीरी उत्तर प्रदेश में 3 अक्टूबर 2021 को पहुंचा था और यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य का विरोध किये जाने के लिए किसान काले झंडे लेकर खड़े हुए थे, इससे पहले की वहां कुछ बात हो पाती वहां बड़ा बवाल खड़ा हो गया।

भाकियू की तरफ से आरोप ये लगाया गया है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने गाड़ी से किसानों को कुचल दिया और उसके बाद 5 किसानों की मौके ही पर मौत हो गयी। हालाँकि कोई भो आधिकारिक बयान या मौतों का आंकड़ा अभी तक सरकार की तरफ से नहीं आया है।

क्या है लखीमपुरखीरी की अहमियत?

लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश का अहम ज़िला है जहां क़रीबन 11 चीनी मिले हैं इस क्षेत्र में किसान बड़ी तादाद में गन्ने की खेती करते हैं और कृषि से लेकर उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के सुधार तक के लिए ये ज़िला अहमियत रखता है। इसी जगह पर कल एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाना था लेकिन इस बड़े बवाल और किसानों की शहादत के बाद देश भर में ये ज़िला एक बार फिर से चर्चा में आ गया है।

 

गौर करने वाली बात ये है कि गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा इसी ज़िलें से संबंध रखते हैं और यही से लगातार दो बार लोकसभा के सदस्य भी चुने गए। कल जिस कार्यक्रम को लेकर किसान संगठन विरोध कर रहे थे और उन्हें काले झंडे दिखा रहे थे, वो कार्यक्रम केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पैतृक गांव ही में होने वाला था।

राकेश टिकैत ने दिखाया ताव

भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इस घटना की जानकारी मिलते ही तुरंत लखीमपुर खीरी की तरफ गौर करते हुए ये दावा किया कि किसानों के साथ अत्याचार हुआ है। इसके अलावा उनका ये भी कहना है कि आरोपियों पर कार्यवाही किये जाने तक शहीद किसानों का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।

प्रियंका और दीपेन्द्र हुड्डा तत्काल पहुंचे हैं

सुबह करीब 5 बजे यूपी की प्रभारी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी यहां सांसद दीपेन्द्र हुड्डा के साथ लखीमपुर खीरी पहुंचते वक़्त रोक दी गयी हैं। पुलिस से उनके नोंकझोंक की वीडियो सुबह ही से अब तक सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी है। जिसके बाद अखिलेश यादव और बाकि नेताओं पर भी खूब सवाल उठने खड़े हो गए हैं।

कल से लेकर अब तक लगातार बढ़ रहे विरोध और सोशल मीडिया पर लगातार चल रही वीडियो के बीच आज वहां कई बड़े नेताओं का जमावड़ा लग सकता है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के कांग्रेसी पर्यवेक्षक वहां पहुंचने का ऐलान कर चुके हैं और पंजाब के उपमुख्यमंत्री भी वहां पहुंचने की तैयारियां कर चुके हैं।