गंगूबाई काठियावाड़ी के विवाद पर संजय और आलिया को राहत

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आलिया भट्ट की आने वाली फिल्म “गंगुबाई काठियावाड़ी” रिलीज से पहले ही विवादों में घिर चुकी है। मार्च 2021 में इस फिल्म पर मानहानि का मुकद्दमा दर्ज किया गया था। जिसके मद्देनजर स्थानीय कोर्ट ने अभिनेत्री आलिया भट्ट और फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली को समन भेजा था।

वहीं अब इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने आगे की कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है। हाईकोर्ट का कहना है कि मामले में अगली सुनवाई तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। साथ ही बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश अनुसार 7 सितंबर तक मामले मे रोक लगा दी है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल फिल्म “गंगुबाई काठियावाड़ी” पर मानहानि का मुकद्दमा दर्ज करने वाले शख्स का नाम बाबू रावजी शाह है, जो कि खुद को गंगुबाई का गोद लिए बेटा बता रहे हैं। उनका कहना है कि इस फिल्म के कुछ हिस्सों से उनकी माँ और परिवार की बदनामी हो होगी।

उन्होंने दावा भी किया कि यह फिल्म हुसैन ज़ैदी द्वारा लिखी गई उपन्यास “द माफिया क्वीन आफ मुंबई” पर आधारित है। जोकि बहुत जगह गंगुबाई की प्रतिष्ठा को आघात करता है। इसी कारण फिल्म पर रोक लगाने की मांग की जा रही है। लेकिन कोर्ट ने 10 अगस्त को कहा था कि इस मामले में अगली सुनवाई तक कोई कार्यवाई नहीं की जाएगी। जिससे आलिया भट्ट और संजय लीला भंसाली थोड़ी राहत मिली है।

जानिए फिल्म की पूरी कहानी

संजय लीला भंसाली के साथ पहली बार आलिया भट्ट की जोड़ी बन रही है। इससे पहले भंसाली आलिया भट्ट और सलमान खान को लेकर ‘इंशाअल्लाह’ प्लान कर रहे थे, लेकिन किन्हीं वजहों से सलमान ने अपने कदम पीछे खींच लिए, जिसके बाद यह फिल्म ठंडे बस्ते चली गई। फिर संजय लीला भंसाली ने फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ का एलान किया था।

लेखक एस हुसैन जैदी की किताब ‘माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई’ के मुताबिक गंगूबाई गुजरात के कठियावाड़ की रहने वाली थीं। कठियावाड़ का बैकग्राउंड होने के कारण उन्हें गंगूबाई कठियावाड़ी कहा जाता था। फिल्म के मुताबिक छोटी उम्र में ही गंगूबाई को वेश्यावृति के लिए मजबूर किया गया था। पर बाद में उन्होंने वेश्याओं के लिए कई ऐसे काम किये, जिनसे रेड लाइट एरिया में काम करने वाली औरतों की जिंदगी में कुछ सुधार आए। वहीं बाद में कुख्यात अपराधी गंगूबाई के ग्राहक बने।

गंगूबाई पर लिखी किताब के मुताबिक, मुंबई के कमाठीपुरा इलाके में कोठा चलाती थीं। दूसरी तरफ गंगूबाई ने सेक्सवर्कस और अनाथ बच्चों के लिए बहुत काम किया था। गंगूबाई कठियावाड़ी का असली नाम गंगा हरजीवनदास काठियावाड़ी था। गंगूबाई बचपन में अभिनेत्री बनना चाहती थीं। करीब 16 साल की उम्र में उन्हें अपने पिता के अकाउंटटेंट से प्यार हो गया और शादी करके वो मुंबई भाग कर आ गईं। बड़े-बड़े सपने देखने वालीं गंगूबाई ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनका पति ही उन्हें धोखा देकर महज पांच सौ रुपये में कोठे पर बेच देगा।

एस हुसैन जैदी की किताब ‘माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई’ में माफिया डॉन करीम लाला का भी जिक्र किया गया है। किताब के मुताबिक करीब लाला की गैंग के एक सदस्य ने गंगूबाई के साथ बलात्कार किया था। जिसके बाद इंसाफ की मांग के लिए गंगूबाई करीम लाला से मिलीं और राखी बांधकर अपना भाई बना लिया। करीम लाला की बहन होने के चलते जल्दी ही कमाठीपुरा की कमान गंगूबाई के हाथ में आ गई। ऐसा कहा जाता है कि गंगूबाई किसी भी लड़की को उसकी बिना मर्जी के कोठे में नहीं रखती थीं।

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