कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, “चीन ने हमारी सीमा में 2000 वर्ग किमी कब्जा कर लिया है। प्रधानमंत्री ने कहा— ‘कोई नहीं आया है’। उनके इस रवैये ने चीन के मुकाबले भारत की बातचीत की स्थिति को कमजोर किया है। चीन को लेकर कांग्रेस की पोजिशन ये है कि हम किसी को भी अपने देश की सीमा में घुसपैठ करने और हमें डराने-धमकाने को स्वीकार नहीं करते। वे चाहे जो भी हों, यह स्वीकार्य नहीं है। चीनियों ने हमारे क्षेत्र में घुसपैठ की, हमारे सैनिकों को शहीद किया लेकिन हमारे प्रधानमंत्री इसे मानने से इनकार कर रहे हैं।”
भाजपा नेताओं द्वारा भारत के अपमान के आरोप में राहुल का पलटवार
An alternative production model that creates jobs & tackles inequality, modernisation of agriculture via tech and an education policy that fires a child’s imagination – a Congress govt’s focus for a 21st century India.
Watch my interaction with IJA, UK:https://t.co/y1hZcEr585 pic.twitter.com/wqiAlNheq8
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 5, 2023
राहुल ने नहीं बोल चीन के पक्ष में, टीवी चैनल्स में लगातार फैलाया जा रहा है झूठ
उन्होंने चीन के पक्ष में नहीं बोला, फर्जी डंके का घंटा बजा दिया है। इसके जवाब में जबरदस्त झूठ फैलाया जा रहा है। यहां तक कि गोदी मीडिया भी झूठ चला रहा है।
असली समस्या छवि के खेल का है। एक नेता है जो सत्ता में है, लेकिन 9 साल में एक बार भी मीडिया का सामना नहीं किया बल्कि मीडिया को बंधक बना लिया। एक नेता जो सिर्फ सांसद है और विपक्षी पार्टी का नेता है, वह भारत से लेकर ब्रिटेन तक मीडिया का सामना कर रहा है और हर सवाल का जवाब दे रहा है।
वीडियो का वह हिस्सा जिसमें राहुल गांधी चीनी घुसपैठ पर प्रधानमंत्री पर सवाल उठा रहे हैं
क्या ये सब दुनिया नहीं देख रही है? इसे देखकर वे तिलमिला रहे हैं और पूरी मशीनरी लगाकर झूठ फैला रहे हैं। भाजपा वाले जो भी कहें, शक की नजर से देखना चाहिए। वे तो यह भी कहते हैं कि गांधी जी भारत के राष्ट्रपिता नहीं हैं, हम संविधान बदल देंगे, हम तिरंगा बदल देंगे, गोडसे देशभक्त था तो क्या सब मान लोगे? वे सनकी लोग हैं। दिमाग में जहर भरा है। इन पर भरोसा करोगे तो मनुष्यता से भी वंचित हो जाओगे। बहुत जहरीले हैं। सावधान रहिए और दिमाग खुला रखिए।
राहुल गांधी के कैंब्रिज भाषण को ज़हर बनाकर परोस रहा है भारतीय मीडिया
राहुल गांधी के कैंब्रिज भाषण को गोदी मीडिया ने जिस तरह जहर बनाकर परोसा है, वह आपराधिक और बेहद चिंताजनक है। झूठ और जहर फैलाने का जो घिनौना काम दुश्मन देशों ने भी नहीं किया, वह अब तक भाजपा की आईटी सेल कर रही थी और अब आईटी सेल का जहर सीधे सीधे गोदी मीडिया की रगों में इन्जेक्ट कर दिया गया है।
राहुल गांधी अपने भाषण में पहले भारत की बात करते हैं जिसमें वे मौजूदा तानाशाही और संस्थाओं को खत्म करने के प्रयासों को रेखांकित करते हैं। इसके बाद वे अमेरिका, चीन, नई विश्व व्यवस्था में सीखने और सुनने के महत्व पर बात करते हैं। पहले भाजपा ने उनके भाषण को विदेशी धरती पर भारत की आलोचना से जोड़ा। इसके बाद अचानक कई मीडिया ने एक साथ खबरें चला दीं कि राहुल गांधी ने चीन को शांतिपसंद देश बता दिया। उस भाषण को सुनकर कोई भी व्यक्ति ऐसी बात नहीं बोल सकता।
राहुल गांधी चीन और अमेरिका की तुलना करते हुए यह बता रहे थे कि उनका सोचने का तरीका कैसा है और वे अपने को कैसे विचार के साथ पेश करते हैं। वे बताते हैं कि कैसे अमेरिका वैयक्तिक स्वतंत्रता को महत्व देता है जबकि चीन ऐसा नहीं करता। दोनों देशों के मूल विचारों और what they think के बारे में चर्चा करते हैं। वे लोकतांत्रिक देशों द्वारा प्रोडक्शन में चीन की मोनोपोली का मुकाबला करने की जरूरत की बात करते हैं।
कांग्रेस का आरोप सही लग रहा है कि जहर बुझे मीडिया को वॉट्सएप फारवर्ड आया और उसी के आधार पर यह खबर चलाई गई। कांग्रेस, संपूर्ण विपक्ष और जनता को सबसे पहले इस बारे में सोचना चाहिए कि इस आपराधिक, जनता द्रोही और निकृष्ट मीडिया से कैसे निपटा जाएगा। भारतीय लोकतंत्र पर यह बड़ा संकट है। आपको अभिव्यक्ति की हर किस्म की आजादी को बचाना है लेकिन तब क्या करेंगे जब पूरे देश का समूचा प्रेस प्रोपेगैंडा मशीनरी में बदल जाए?