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हम उस दौर में जी रहे हैं, जहाँ 5 रूपये के विवाद में प्राईवेट पार्ट में CNG भरकर हत्या कर दी जाती है

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मेरठ क्रांतिकारियों की ज़मीन है 1857 का स्वतंत्रता संग्राम इसकी गवाही भी देता है और फ़ेसबुक पे मेरठ के एक से बड़े एक क्रांतिकारी है जो काफी कुछ लिखते भी है और करते भी है लेकिन इनाम के मामले में इन लोगो को क्या हो गया है ये समझ से बाहर है
जी वही इनाम जिसका मेरठ के cng स्टेशन पे 5 रुपये को लेकर कुछ कहा सुनी होने के बाद उसके प्राइवेट पार्ट में cng का भर और वो 5 मिनट में मर गया
करीब 9 माह पहले ही इनाम की शादी हुई थी । अपनी नई जिंदगी में वो बहुत खुश था। इनाम सुबह करीब 9:30 बजे अपना ऑटोरिक्शा लेकर CNG फिलिंग स्टेशन पर गैस लेने गया और वहाँ तैनात कर्मी से उसका विवाद हो गया। बताया जाता है कि सभी पंप कर्मी एक होकर उस से मारपीट करने लगे। इसबीच अनुज नामक एक पंप कर्मी ने CNG गैस नोजिल को इनाम की गुदा में लगा दिया जिस से CNG गैस इनाम के शरीर में दाखिल हो गयी और थोड़ी ही देर में (5मिनट) ही इनाम की मृत्यु हो गयी।
पुलिस इस घटना को मार पीट और मर्डर की घटना न मानने की दलील दे रही है। दलील ये है कि अगर CNG जानबूझ कर इनाम के शरीर में गुदा के ज़रिये डाली गयी होती तो पंप कर्मी उसको घायल अवस्था में लेकर केबिन की तरफ क्यों लाते।
CNG पंप वाले की सफाई ये है कि आगे वाले ऑटोरिक्शा को गैस डालने के बाद नोजिल की रबर टूट गयी जिस की वजह से नोजिल उस के हाथ से छूट गया और इमाम की गुदा से छू गया।
ये बात एक मज़ाक से कम नही है कि पंप का नोज़ल ऑटो से निकल कर सीधे आदमी के प्राइवेट पार्ट में घुस जाए और पुलिस जिस सीसीटीवी फुटेज की बात कर रही है फिर वो फुटेज बीबी दिखाए जिसमे ऑटो से निकल कर पम्प का नोज़ल इनाम के अंदर चला गया
पूरी दुनिया मे कोई ऐसा वाकया नही होगा जिसमें पंप का रबर कट जाये और वो आदमी के अंदर चला जाये,       गैस फिलिंग स्टेशन को 2 घंटे के बाद ही खोल दिया गया। उसके बाद से cng स्टेशन आज तक चालू है दिन दहाड़े नौजवान को मारने वाले डायमंड कॉमिक्स की स्टोरी सुना कर केस को खत्म कर चुके है और पुलिस उनकी कहानी पर मुत्मइन है तो क्या मेरठ के लोगो ने भी इस कहानी पर यकीन कर लिया है दुनिया भर की बहसें करने वाले क्यो इसपे खामोश है

  • क्या इनाम के घर वालो को कभी इंसाफ नही मिलेगा क्या ऐसे cng स्टेशन को दो घंटे में चालू हो जाना चाहिए ?
  • न कोई आवाज़ न धरना न प्रदर्शन न इंसाफ की मांग ,उस दिन जो पहले एक घण्टे में हुआ इसके बाद सन्नाटा
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