राजस्थान में उपचुनाव में भाजपा की करारी हार को लेकर भाजपा पर विरोधियों द्वारा चौतरफा हमला तो किया ही जा रहा है. पर अब इसमें भाजपा के अपने भी जुड़ गये हैं और वो हैं शत्रुध्न सिन्हा. शत्रुध्न सिन्हा ने ट्वीट कर अपनी भड़ास निकाली और लिखा कि, ब्रेकिंग न्यूज़ के साथ बड़ी ब्रेकिंग न्यूज़ रूलिंग पार्टी को राजस्थान में तिन तलाक.
Breaking news with record breaking disastrous results for ruling party – Rajasthan becomes first state to give BJP Triple Talaq. Ajmer: Talaq,Alwar : Talaq ,Mandalgarh: Talaq. Our opponents winning the elections with record margins, giving our party a jolt. 1>2
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) February 2, 2018
शत्रुध्न सिन्हा खुलकर बोलने वाले इंसानों में आते हैं, वो कई बार अपनी ही पार्टी के खिलाफ जाकर बयान दे चुके हैं. हाल ही में उन्होंने राजस्थान और बंगाल चुनाव में मिली हार पर भी तंज कसा था और पार्टी को चेताया था. इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार से बजट में राजनेताओं के वेतन के बारे में भी बात कही थी.
एक बार फिर उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए अपनी ही पार्टी को घेरने का काम किया है. शत्रुध्न सिन्हा भले ही लोगों को ‘खामोश’ कहते हुए नजर आएं लेकिन वो खुद खामोश कभी नहीं होते. उन्होंने कहा है कि भाजपा में उनके साथ सौतेले बेटे जैसा व्यवहार हुआ. उन्होंने कहा कि भाजपा में उन्हें दबाव महसूस हो रहा था.
कुछ समय पहले यशवंत सिन्हा के राजनैतिक मंच से जुड़ने के बाद अब उऩ्होंने कहा कि अब उन्हें मुक्ति का अहसास हो रहा है. उन्होंने कहा, ‘राष्ट्र मंच का हिस्सा बनकर खुली हवा में सांस लेने जैसा अहसास हो रहा है.
इसमें शामिल होने के बाद मैं देश की भलाई के लिए अपने विचार स्वतंत्र होकर व्यक्त कर सकता हूं. मैं बता नहीं सकता कि मैं कितना मुक्त महसूस कर रहा हूं. खुली हवा में सांस लेने का मजा ही कुछ और ही है.’ सिन्हा ने कहा- ये सही है कि भाजपा ने मुझे बोलने के अलावा कोई दूसरा काम करने ही नहीं दिया.
शत्रुध्न सिन्हा ने राष्ट्र मंच के बारे में बताते हुए कहा कि यह मंच कोई चुनाव नहीं लड़ेगा क्योंकि ये कोई राजनैतिक पार्टी नहीं है. हम समाज में बदलाव के लिए काम करेंगे. लेकिन, ये बदलाव जुबानी जमाखर्च नहीं होंगे. बल्कि, हकीकत में बदलाव लाए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि किसानों की खुदकुशी और फाइनेंशियल मुद्दों पर हम काम करेंगे। गरीबों की परेशानियों को कैसे खत्म किया जाए? इस पर भी विचार होगा। इसके अलावा बेरोजगारी, इंटरनल और एक्सटर्नल सिक्युरिटी भी हमारे एजेंडे में होंगे.