0

पेंटिंग के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी महारत रखते थे लिओनार्दो द विंची

Share

चित्रकारी की दुनिया में लियोनार्दो द विंची की मोनालिसा की पेंटिंग अपनी रहस्यमयी मुस्कान के कारण दुनियाभर में प्रसिद्ध है.यह पेंटिंग अपने अन्दर कई रहस्यों को छुपाये हुए है.इसके चित्रकार लियानार्दो द विंची (Leonardo da Vinci) एक ऐसे बहुमुखी प्रतिभा के धनी ,अद्भुद प्रतिभा सम्पन्न कलाकार थे जिन्होंने चित्रकारी की कला को नई ऊँचाइयाँ दी.
जीवन
लिओनार्दो दा विंची का जन्म 15 अप्रैल 1452 को इटली के फ्लोरेंस प्रदेश के विंचि नामक गाँव में हुआ था. इस गाँव के नाम पर इनके कुल का नाम पड़ा.ये एक अवैध संतान थे.कहते हैं पूत के पैर पालने में ही दिख जाते हैं यही बात लिओनार्दो पर बिल्कुल सटीक बैठती है.लिओनार्दो ने बचपन से ही संगीत, चित्रकारी और मूर्तिकला में हाथ दिखाना शुरू कर दिया था.
इनके पिता इन्हें प्रसिद्ध चित्रकार, मूर्तिकार तथा स्वर्णकार, आँद्रेआ देल वेरॉक्यो (Andrea del Verrochio), के पास काम सिखाने के लिए ले गये और उनकी छत्रछाया में रहकर लिओनार्दो ने काम सीखा इसके बाद वे मिलान शहर के रईस लुडोविको सोर्जा (Ludovico Sforza) के पास गए. यहाँ रहते हुए इन्होंने दो महान कलाकृतियाँ, लुडोविको के पिता की घुड़सवार मूर्ति तथा “Last Supper’ नामक पेंटिंग बनाई. सन् 1499 में, लिओनार्दो मिलान छोड़कर फ्लोरेंस वापस आ गए, जहाँ इन्होंने “Mona Lisa”  नामक पेंटिंग बनाई.‘Last Supper” और “Mona Lisa” दोनों इनकी महानतम पेंटिंग्स हैं.
सन् 1508 में फिर मिलान वापस आकर, वहाँ के  शासक के अधीन ये चित्रकारी, इंजीनियरिंग तथा दरबारी समारोहों की सजावट और आयोजनों की देखभाल का अपना पुराना काम करते रहे.सन् 1513 से 1516 तक रोम में रहने के बाद इन्हें फ्रांस के राजा, फ्रैंसिस प्रथम, अपने देश ले गए जहाँ बाद में 2 मई 1519 को इनकी मृत्यु हुई.
बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे लिओनार्दो
लिओनार्दो दा विंची अपने आप में विरली प्रतिभा वाले विलक्षण व्यक्ति थे.यह कहना अतिश्योक्ति नही होगी कि उनमें अकेले दस व्यक्तियों की प्रतिभा छिपी हुयी थी.लिओनार्दो, महान चित्रकार, मूर्तिकार, वास्तुशिल्पी, संगीतज्ञ, कुशल यांत्रिक, इंजीनियर तथा वैज्ञानिक तो थे ही ऐसा मालूम पड़ता है कि लिओनार्दो चित्रकारी, वास्तुकला, शरीरसंरचना, ज्योतिष, प्रकाशिकी, जल-गति-विज्ञान तथा यांत्रिकी पर अलग अलग ग्रंथ लिखना चाहते थे, पर यह काम पूरा नहीं हुआ.
इन विषयों पर इनके केवल अधूरे लेख या टिप्पणियाँ ही प्राप्त हुई हैं. लिओनार्दो ने इतने अधिक वैज्ञानिक विषयों पर विचार किया था तथा इनमें से अनेक पर इनकी टिप्पणियाँ इतनी विस्तृत हैं कि उनका वर्णन यहाँ संभव नहीं है.इन विषयों के अलावा वनस्पति विज्ञान, प्राणिविज्ञान, शरीरक्रिया विज्ञान, भौतिकी, भौमिकी, प्राकृतिक भूगोल, जलवायुविज्ञान, वैमानिकी आदि अनेक वैज्ञानिक विषयों पर इन्होंने अपने मौलिक विचार प्रकट किए हैं.गणित, यांत्रिकी तथा सैनिक इंजीनियरी के तो ये विद्वान् थे ही, साथ ही दक्ष संगीतज्ञ भी थे.

  • लिओनार्दो ने सिविल इंजीनियरिंग संबंधित अनेक आविष्कार किये , जिसमें अलार्म घड़ी , वातानुकूल संयत्र , टैंक ,पनडुब्बी ,गोताखोरी के उपकरण ,हेलीकाप्टर , भूमिगत नहरे ,गैस मास्क आदि के डिज़ाइन शामिल हैं.
  • लिओनार्दो दा विंची पहले ऐसे इंसान थे जिन्होंने आकाश का रंग नीला होने का सही कारण बताया था, ऐसा इसलिए क्योंकि हवा सूरज से आने वाली रौशनी को बिखेर देता है और नीले रंग में बाकी रंगों की तुलना में फैलने की क्षमता अधिक होती है तो हमें दिन में आकाश नीला दिखाई देता हैं.
  • लियोनार्डो दा विंची एक ही समय में एक हाथ से लिख सकते थे और दूसरे हाथ से Drawing कर सकते थे.
  • कैंची का अविष्कार लिओनार्दो ने ही किया था.
  • लियोनार्डो आसानी से शब्द को उल्टे क्रम में लिख लेते थे, जैसा हमें शीशे में लिखा हुआ दिखाई देता हैं. वो ऐसा तब लिखते थे जब कोई सीक्रेट बात लिखनी हो.

लियानार्दो द विंची निश्चित तौर एक असाधारण कलाकार थे.चित्रकला और वास्तुकला के द्वारा उन्होंने विभिन्न अविष्कारों के लिए पुख्ता जमीन तैयार की थी. उनकी इंजीनियरिंग संबधी योग्यता इतनी बेजोड़ थी उनके द्वारा बनाये गए डिज़ाइनों को उनकी मृत्यु के कई सालों बाद वैज्ञानिकों ने साकार रूप देने में सफलता पाई.

Exit mobile version