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जीडीपी पर सरकार खुश, तो पी चिदंबरम ने याद दिलाया वादा

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गुरुवार को ज्यों ही जीडीपी के सरकारी आंकड़े जारी हुए, सरकार की बाँहे खिल उठी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश की जीडीपी  विकास दर की  दूसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर में 6.3 फीसदी रही है. इससे पहले पहली तिमाही में यह विकास दर 5.7 फीसदी के साथ तीन साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई थी

फ़ाइल् फोटो -वित्तमंत्री अरुण जेटली                                                                        पूर्व  वित्तमंत्री पी चिदंबरम


जीडीपी की दूसरी तिमाही के आंकड़े जारी होने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, अगली तिमाही में और उछाल होगा. दो बड़े सुधार- नोटबंदी और जीएसटी हमारे साथ है. आने वाली तिमाहियों में भी अच्छा होगा. सबसे अहम पहलू ये है कि इस तिमाही  का सकारात्मक  रिजल्ट- मैन्यूफ्कैचरिंग में ग्रोथ से अहम बना है और फिक्स कैपिटल फॉर्मेशन 4.7 हो गयी  है. इससे ये साबित होता है कि इन्वेस्टमेंट बढ़ रहा है. वित्तमंत्री जेटली ने कहा कि मई 2014 से आंकड़े देखें तो पिछली 13 तिमाही  में हम सात  प्रतिशत आठ बार रहे.  छ: प्रतिशत के नीचे एक बार गिरे, जो कि पिछली तिमाही  में थे. अगर पिछले आंकड़ों से इसकी तुलना करेंगे, तो यह अलग दिखेगा.
वित्तमंत्री जेटली ने कहा कि पिछली पांच तिमाहीयों  में जीडीपी में लगातार गिरावट देखने को मिली थी. परन्तु अब जीडीपी में 6.3 फीसदी विकास की दर से साफ है कि इसमें इजाफा होने लगा है. वित्तमंत्री जेटली ने  कहा कि सबसे अहम बात यह है कि इस बार जीडीपी की दर में सकारात्मक असर मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ने से दिखा है. जिससे साफ है कि नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद  धीमी हुई अर्थव्यवस्था इससे निकल चुकी है. और अब ये रफ्तार पकडने लगी है.


उधर पूर्व  वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने दूसरी तिमाही के जीडीपी के आंकड़े को लेकर मोदी सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जीडीपी में जितने फीसदी विकास का वादा किया था, उस हिसाब से  6.3 फीसदी की विकास दर काफी कम है. इसके अलावा उन्होंने सरकार पर  तंज कसते हुए ट्वीट किया, ”किसी निश्चित नतीजे पर पहुंचने से पहले हमको तीसरी और चौथी तिमाही की विकास दर के आंकड़े जारी होने का भी इंतजार करना चाहिए.”

केंद्रीय सांख्यिकी  के अनुसार

केंद्रीय सांख्यिकी अधिकारी  द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान भारत का जीडीपी  की वृद्धि 5.7 फीसदी था. जीडीपी का यह स्तर बीते तीन साल का सबसे निचला  स्तर था. वहीं, पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही के दौरान जीडीपी विकास दर 7.9 फीसदी थी, जबकि पहली तिमाही का आंकड़ा वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही के 6.1 फीसदी से घटकर 5.7 फीसदी पर आ था. पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च) में जीडीपी ग्रोथ 6.1 फीसदी थी. इससे पिछले साल जीडीपी की रफ्तार 7.9 फीसदी थी.

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