एआईएमआईएम (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) आए दिन भाजपा शासित राज्य सरकारों को अपने कटघरे में खड़ा करते रहते है। अक्सर वह विवादित बयान देने के आरोप भी लगते रहते हैं। इस बार उन्होंने बिहार सरकार को लेकर निशाना साधा है।
दरअसल बिहार के सीमांचल क्षेत्र को लेकर सरकार और पुलिस प्रशासन ने एक पत्र जारी किया था। पत्र में सीमावर्ती क्षेत्र के इलाकों में घुसपैठियों के संबंध में जानकारी दी गई थी। इसी पत्र को अपना आधार बनाते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने एक बयान देते हुए कहा, “बिहार में चोर दरवाजे से एनआरसी (NRC) की एंट्री हो रही है। उनके इस बयान के बाद उनके पार्टी के कई अन्य नेता भी उनके समर्थन में उतर गए।
क्या लिखा है पत्र में?
बिहार पुलिस प्रशासन द्वारा जारी पत्र में सीमांचल क्षेत्र में घुसपैठ को लेकर स्थानीय लोगों को सावधान किया गया है। स्थानीय लोगों से अपील की गई है कि अगर सीमावर्ती क्षेत्र में कोई घुसपैठ या संदेहास्पद व्यक्ति मिलता है तो उसकी जानकारी पुलिस को तुरंत दे। इस पत्र को 1 सितंबर को जारी किया गया था।
पटना हाईकोर्ट (Patna High court) के 18 अगस्त को आदेश देने के बाद इस पत्र को जारी किया गया था। हाई कोर्ट ने सरकार को आदेश देते हुए कहा था कि अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर लोगों में जागरूकता लानी होगी। कोर्ट ने सरकार को स्थाई हिरासत केंद्र बनाने की योजना पेश करने के भी आदेश दिए थे।
पत्र के आधार पर ओवैसी का ट्वीट
सरकार द्वारा जारी किए गए इस पत्र को अपना आधार बनाते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “बिहार सरकार चोर दरवाजे से एनआरसी लागू कर रही है। अधिकारी आम लोगों से आस-पास रहने वाले विदेशी नागरिक और अवैध प्रवासियों की सूचना मांग रहे है। असम (Assam) में भी ऐसे ही कानूनी कार्यवाही का दुरुपयोग बड़े पैमाने पर किया गया था।”
आगे उन्होंने लिखा, “संघ परिवार के लोग कई सालों से इस झूठ को फैला रहे हैं कि सीमांचल के गय्युर अवाम घुसपैठिए हैं, इस बात में जरा भी सच्चाई नहीं है। फिर भी इस झूठ की बुनियाद पर कई तंजीमें एक मंसूबा बंद तरीके से बिहारियों और खासकर सीमांचल के लोगों की शहरियत को निशाना बनाएंगे।”
सीमांचल में शांति भंग करने का प्रयास – अख्तरुल इमान
ए आई एम आई एम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान (Akhtarul Iman) ने इस मुद्दे पर ओवैसी का पक्ष लेते हुए बयान दिया। उन्होंने कहा, “सीमांचल में शांति भंग करने का प्रयास कई दशकों से चल रहा है। किसी विशेष क्षेत्र को चिन्हित करके यह लोग फरमान जारी करते हैं। खासतौर से कई जगह बांग्लादेशी के लिए यह जारी करना एनआरसी की ओर कदम बढ़ाना ही है।”