नज़रिया – आप लोग कौन होते हो समाज की ठेकेदारी करने वाले?

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कई रोज़ से सोशल मीडिया पर कुछ मुस्लिम युवा इस ग़म में पतले हुए जा रहे हैं कि हिन्दू जागरण मंच के नेता मुस्लिम लड़कियों का धर्मपरिवर्तन करा रहे हैं। उनकी चिंता वैसे ही नहीं है दरअस्ल हिन्दू जागरण मंच ने ऐलान किया था कि जो भी हिन्दू लड़का मुस्लिम लड़की से शादी करेगा उसे एक लाख रूपये का इनाम दिया जाऐगा।
अब सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरें वायर हो रही हैं जिसमें हिन्दू लड़का मुस्लिम लड़की मंगल सूत्र पहना रहा है, या शादी की रस्म अदा कर रहा है। सवाल यहीं से पैदा होता है, क्या कोई भी युवक केवल इसलिये दूसरे धर्म की लड़की से मौहब्बत करके शादी रचायेगा कि वह उसका धर्मपरिवर्तन कराना चाहता है? मुझे नहीं लगता इस दावे में दम है।
यह दावा बिल्कुल उसी तरह है जिस तरह हिन्दूसंगठन दावा करते हैं कि मुस्लिम लड़के हिन्दु लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाकर उनसे शादी करते हैं, उनका धर्म परिवर्तन कराते हैं वगैरह  वगैरह। अब इसी तरह के दावे सोशल मीडिया पर कई ऐसे लोग कर रहे हैं जिनके सीने में कौम का ‘दर्द’ है। जिस तरह हिन्दु संगठनों का दावा आज तक झूठा ही साबित हुआ है उसी तरह इन मुस्लिम नौजवानों का दावा भी गलत साबित होगा। अगर प्रेम यह सोचकर किया जा रहा है कि प्रेमी अपनी प्रेमिका का धर्म परिवर्तन करायेगा तो वह प्रेम हो ही नहीं सकता।
धर्म किसी मकान की खूंटी पर टंगा हुआ गमछा नहीं है जिसे जब चाहे कांधे पर डाल लिया और जब चाहे उतारकर टांग दिया। सवाल यह है कि जैसा आरोप हिन्दु संगठनों द्वारा मुस्लिम युवाओं पर लगाए जाते हैं, वैसे ही आरोप अब कुछ मुस्लिम युवा हिन्दु युवाओं पर लगा रहे हैं, कि मुस्लिम लड़कियों को बहला फुसलाकर प्रेम जाल में फंसाया जा रहा है।
आखिर आप कितनी ऐसी मुस्लिम लड़कियों को जानते हैं जिन्होंने यह शिकायत दर्ज कराई है कि उन्हें प्रेम जाल में फंसाया गया और फिर उनसे शादी के बाद उनका धर्म परिवर्तन करा लिया गया ? जो लड़की इश्क कर रही है क्या वह इतनी मूर्ख है कि वह प्रेम जाल में फंसकर अपना धर्म परिवर्तन कर लेगी। अक्सर वे लोग इस तरह की बातें कर रहे हैं जिन्होंने केरल की अखिला से हादिया बनी एक युवती के इस्लाम अपनाने पर उसे दुआओं से नवाज़ा था। लेकिन न तो हादिया का लव जिहाद वाला मामला सुप्रीम कोर्ट में टिक पाया और ना ही खरखौदा का तथाकथित लव जिहाद का मामला मेरठ में कोर्ट में टिक पाया। नतीजा यह हुआ कि हादिया अपने पति शाफिन जहां के पास चली गई और खरखौदा कि अंजली त्यागी अपने पति कलीम के साथ रह रही है।
दरअसल हिन्दुवादी संगठनों के लोग खाली दिमाग मुसलमानों को तनाव देते रहते हैं। हिन्दू जागरण मंच ने कह दिया कि 2100 मुस्लिम लाऐंगे और आपने यक़ीन कर लिया, कि सचमुच ऐसा जाना जा रहा है। मगर कहां होने जा रहा है ? क्या बहुऐं आसानी से मिल जातीं हैं ? यह भारतीय समाज है, यहां कई तरह की बीमारियां हैं, जिसमें एक बीमारी छुआ छूत भी है। यहां उस लड़के का भी परिवार से बहिष्कार कर दिया जाता है जो किसी दूसरी जाति में शादी कर लेता है, फिर दूसरे धर्म में शादी करने पर उसे कैसे स्वीकार किया जायेगा।
यह अलग बात है कि भारत में अंतर्धार्मिक शादियां होती रही हैं लेकिन वे किसी ऐजेंडे के तहत नहीं हुईं। मसलन सैफ अली खान ने करीना कपूर से लवजिहाद के ऐजेंडे के तहत शादी नहीं की, जैसे सचिन पायलेट ने फारूख अब्दुल्लाह की बेटी से इसलिये शादी नहीं कि क्योंकि उन्हें हिन्दू जागरण मंच एक लाख रूपये देता।
भारत में लगातार बेरोजगारी बढ़ रही है, न हाथों को काम है न दिमाग़ को, बड़े बुजर्ग कहते हैं कि खाली दिमाग़ शैतान का घर होता है। सोशल मीडिया पर साबित हो जाता है कि एक शैतान ने कितने लोगों के दिमागों में अपना घर बना रखा है। कई रोज़ से दो बुर्का पहनीं हुईं मुस्लिम लड़कियों का वीडियो शेयर करके मुसलमानों को होशियार किया जा रहा है कि अपनी बेटियों पर ‘नज़र’ रखो, वे हिन्दू लड़कों के प्रेम जाल में फंस रही हैं। इस वीडियो में ‘म्यूजकले’ एप्लीकेशन के द्वारा गाना बजता हुआ सुनाई देता है।
क्या गारंटी है जिन लड़कियों ने बुर्का पहना हुआ है वे मुसलमान ही हैं ? और अगर मुसलमान भी हैं तो क्या उनके परिवार वाले नहीं हैं ? वे क्यों नहीं ध्यान देते? आप लोग कौन होते हो समाज की ठेकेदारी करने वाले? सोचकर बताईयेगा

तब तक साहिर ने जो लिखा है उसे पढ़िये –

वहशत-ए-दिल रस्म-ओ-दीदार से रोकी ना गई
किसी खंजर, किसी तलवार से रोकी ना गई।
इश्क़ मजनू की वो आवाज़ है जिसके आगे
कोई लैला किसी दीवार से रोकी ना गई।