वह काशी में हुए हादसे के तुरंत बाद बनारस जाने की तत्परता दिखाते और जाने की तैयारी कर लेते जिससे कि वहाँ पर हुई मौतों और घायलों के परिवार को थोड़ा बल मिल पाता, विपरीत इसके कि वह भाजपा मुख्यालय में अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित बैठ कर कर्नाटक में मिली शिकस्त को बर्दाश्त न कर पाने की हालत में विधायकों की हेराफेरी करने की प्लानिंग करते और जोड़ तोड़ की राजनीति में अपनी रुचि दिखाते।
बता दूं आपको, नवम्बर 2017 में गुजरात चुनाव कैंपेन के दौरान NTPC में एक बड़ा धमाका हुआ, जिसमे कई जानें गईं! और कांग्रेस उपाध्यक्ष (अब अध्यक्ष) श्री राहुल गांधी, प्रचार प्रसार छोड़ कर तत्काल प्रभाव से रायबरेली पहुंचे और पीड़ित परिवारों से उनके दुख साझा किया। तथा समस्त कांग्रेस जनों का आह्वान कर पीड़ितों की मदद करने का संकल्प भी कराया। क्योंकि आपको पता होगा रायबरेली से उनकी माँ श्रीमती सोनिया गांधी जी सांसद हैं, औऱ अस्वस्थ होने के कारण वह घटनास्थल पर पहुँच ना सकीं। रायबरेली का स्नेह गांधी परिवार से हमेशा से रहा है और वह उसकी ज़िम्मेदारी बखूबी से निभाते हैं।
मैं प्रधानमंत्री मोदी से यह गुज़ारिश इसलिए भी कर रहा था क्योंकि, वाराणसी उनकी लोकसभा छेत्र है और वह वहां से इस तरह से पीठ दिखा कर नहीं भाग सकते, क्योंकि जनता का उनपर विश्वास था तभी उन्हें लोकसभा में 3,50,000+ वोटों से जीता कर भेजने का काम बनारस वासियों ने किया।
आशा करता हूँ कि, भविष्य में जिस भी किसी लोकसभा से मोदी जी चुनाव लड़ेंगे, इतना बुरा सिला नहीं देंगे।
और अंत मे एक बात और कह के अपनी बात को ख़त्म करूँगा कि, मोदी जी को इस हादसे से एक सीख ले लेने की ज़रूरत है, कभी भी किसी हादसे पर फ़िरकी लेने के अपने आदत और सरकार को कोसने की आदत को खत्म कर देना चाहिए, जैसा कि हमने पीछे सुना और देखा था बंगाल में पुल गिरने के बाद मोदी जी अपने चुनावी रैली में कहते नज़र आए कि यह “Act Of God” नहीं भईया यह “Act Of Fraud” है।
65 साल कई दल के नेताओं ने देश को चलाया, पर इतना स्तर नीचा किसी भी देश के मुखिया ने नहीं किया!
आप भी उनसे कुछ सीख लें।
NOTE: हमें स्वच्छ नहीं सच भारत की आवश्यकता ज्यादा है।
मैं वाराणसी हादसे में गई जानों और सभी घायलों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ तथा ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि, हादसे में शिकार हुए लोगों के परिवार को दुःख सहने की हिम्मत प्रदान करें।
जय हिन्द
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