नवरात्रि नौ दिन का त्यौहार है जिसमे देवी के नौ रूपो की पूजा की जाती है। बहुत से राज्यो में इन दिनों पूजा पाठ और व्रत किये जाते हैं वहीं महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यो में नौ दिनों तक गरबा और डांडिया खेला जाता है।
लेकिन इन दिनों मध्य प्रदेश (madhy pradesh) के रतलाम जिले (ratlam district) से एक ऐसी खबर सामने आई है जो सोचने पर विवश कर सकती है। दरअसल यहाँ गरबा पंडालों में गैर हिंदुओ के आने पर रोक लगा दी है। और ये रोक किसी एडमिनिस्ट्रेशन (administration) ने नहीं बल्कि हिन्दू संगठन ने लगाई है।
क्या है मामला :
इंडिया टीवी के हवाले से, मध्य प्रदेश के रतलाम शहर में गरबा समेत अन्य धार्मिक कार्यक्रम में गैर हिंदुओ के आने पर पाबंदी लगा दी है। यह पाबंदी विहिप धर्म प्रसार कार्यकर्ताओं की और से लगाई गई है। इनका मानना है कि गैर हिन्दू अपने धार्मिक कार्य में हिन्दू रीति रिवाजों को मान्यता नहीं देते। इसलिए उन्हें गरबा पंडालों में भी नहीं आना चाहिए।
विहिप धर्म प्रसार कार्यकर्ताओ ने एक और जहाँ पंडालों में गैर हिंदुओ के लिए NO ENTRY के बोर्ड लगा दिए हैं। वहीं ये कार्यकर्ता रात भर पंडालों में चौकसी भी दे रहे हैं। ऐसे में पुलिस भी अलर्ट मोड़ में आ गयी है और खुफिया विभाग भी जानकारी जुटाने में लग गयी है।
गरबा के नाम पर माहौल बिगाड़ा जाता है :
विहिप धर्म प्रसार के जिला मंत्री चंदन शर्मा का कहना है कि ये लोग गरबा देखने आने के नाम पर माहौल को बिगड़ते हैं। गैर हिंदुओ के ऐसी जगह पर आने के बाद लव जिहाद को भी बढ़ावा मिलता हैं। वो आगे कहते हैं कि अगर गैर हिन्दू गरबा पंडाल में आते हैं तो उन्हें हिन्दू रीति रिवाजों को भी मान्य करना चाहिए। कश्मीर में अल्पसंख्यको की हत्या के मामले पर कहा कि कश्मीर में नाम पूछकर हिंदुओ की हत्या की जा रही है।
कोरोना के कारण फीके हैं पंडाल :
एक तरफ कोरोना गाइडलाइंस के कारण वैसे ही गरबा पंडाल फीके है वहीं दूसरी और गैर हिंदुओ के प्रेवश को निषेध करने के बैनर लगा दिए गए हैं। पहले जैसी रोनक न होने के बावजूद भी आयोजक कार्यक्रम का आयोजन और सुरक्षा संबंधी सभी इंताज़म कर रहें है।