बीते 15 अक्टूबर को दिल्ली से सटे फ़रीदाबाद से एक जेएनयू छात्र नेता को बंदूक की नोक पर उत्तरप्रदेश पुलिस ने उठा लिया. छात्र नेता प्रदीप नरवाल का गुनाह ये था, कि वो जेएनयू के छात्र नेता हैं, और भीम आर्मी के एक प्रोग्राम में शामिल हुए थे. दलित एवं मुस्लिमों पर होने वाले अत्याचारों के विरुद्ध कार्य कर रहे प्रदीप नरवाल पूर्व में एबीवीपी से जुड़े हुए थे. पर जब जेएनयू में कन्हैया और उम्र खालिद आदि को लेकर एबीवीपी की तरफ से आरोप लगाए जाने लगे और मीडिया में जेएनयू को बदनाम करने की कोशिशें होने लगीं, व जेएनयू को देशद्रोहियों का अड्डा बताया जाने लगा. तब प्रदीप ने संघ की विचारधारा वाले दलित एवं मुस्लिम विरोधी छात्र संगठन एबीवीपी को गुडबाय करते हुए बाबा आंबेडकर के विचारों पर चलने का निश्चय किया. प्रदीप के इस फैसले ने मीडिया में खूब सुर्खियाँ बटोरी थीं.
प्रदीप के साथ जो घटना घटित हुई प्रदीप ने उसका ज़िक्र अपनी फ़ेसबुक वाल पर करते हुए लिखा कि ” आज पता चला की जब कोई माथे पे बन्दूक रखे तो कैसा लगता है”.
आईये देखें क्या लिखा प्रदीप ने अपनी फ़ेसबुक वाल पर
सभी साथियों का साथ के लिए धन्यवाद् । आज पता चला की जब कोई माथे पे बन्दूक रखे तो कैसा लगता है ।
आज सुबहे फरीदाबाद में भीम आर्मी के प्रोग्राम के लिए गया था, वापिस आते वक्त ठीक 2 बजे फरीदाबाद- दिल्ली बॉर्डर पर मेरी गाड़ी रोकी और मेरी सिर पर बन्दूक रख दी, वो बोले की हिलते ही गोली मार देंगे, फिर उन्होंने मुझे अपनी गाड़ी में बैठाया और एक अपने पुलिस वाले को हमारी गाड़ी में बैठा दिया । पहला डर मेरी दिमाग में आया कहीं कोई पुलिस वाला बनकर मारने तोह नहीं आया, फिर पता चला की पुलिस असली है, मुझे पुलिस वाले नॉएडा होते हुए मुरादनगर ( U P ) ले गए, फिर एक पुलिस वाला आया और बोला की आज तुम्हारा एनकाउंटर करेंगे और कम से कम टांग तोह तोड़ेगें, मैं बोला मेरे गलती क्या है वो बोले की भीम आर्मी से तुम्हारे रिश्ते क्या हैं, मैं बोला की हमारे साथी हैं वो, फिर एक और पुलिस वाला आया मुरादनगर में HLN कॉलेज के सामने वाले ढाबे में वहां भी वो यही बोले की बचेगा नहीं, तू ही हैं न JNU वाला, लगभग साढ़े चार घंटे बाद सबूत के अभाव में मुझे अभी छोड़ा है और अभी खबर मिली है की एक दूसरे साथी मंजीत को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया है, शायद उनको वो खटोली थाना ले के गए होंगे जहाँ मुझे लेजाने की बात कर रहे थे । साथी जब कोई आपके सिर पर बन्दूक रखता है तोह मरने में बस ट्रिगर भर दबाने का फरक है, आज के इस टार्चर के खिलाफ कानूनन तथा आंदोलनात्मक लड़ाई लड़ी जाएगी ।
जय भीम
अपनी अगली पोस्ट पर प्रदीप ने कहा कि –
वैसे सोच रहा हूँ अगर मेरा नाम प्रदीप नरवाल की जगहे अख़लाक़ होता तोह पुलिस वाले धमकी नहीं बल्कि एंकाउंटर कर ही डालते और हमारे भक्त उनको आतंकी घोषित कर भी देते।