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मध्यप्रदेश में शिक्षा के हाल हुए बेहाल

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मध्य प्रदेश में 12 वर्षो से भाजपा की सरकार है और  प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान. उन्होंने प्रदेश को विकास में हमेशा ही आगे बताया है पर उनके दावे खोखले हैं. इसका खुलासा हुवा है मध्य प्रदेश की विधानसभा सभा में कैग द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद, कि मध्य प्रदेश में शिक्षा के हालात बद से भी बदतर हो गए है.

सांकेतिक फोटो


मध्य प्रदेश  खोखली शिक्षा का शिकार हो चुका है. क्योंकि, बच्चों को अगर हिंदी भाषा ही पढ़ना नहीं आ रही हैं, तो जीवन में या भविष्य में उनके लिए यह अनेको परेशानियां खड़ी कर सकती है.
कैग द्वारा हॉल ही में जारी की गई एक रिपोर्ट में राज्य के लिए एक बेहद चौंकाने वाला वाला खुलासा हुआ है. कैग की रिपोर्ट में बताया गया है कि, मध्य प्रदेश में पांचवीं से आठवीं तक के 80 फीसदी से ज्यादा बच्चे ढंग से हिंदी नहीं पढ़ पाते, जबकि 70 फीसदी से ज्यादा छात्र 1 से 9 तक की गिनती बोल पाने में अक्षम हैं. यह खुलासा कैग द्वारा हाल ही में विधानसभा में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में हुआ है.

 कैग रिपोर्ट के अनुसार,

  1. 5वीं तक के छात्रों में 17 प्रतिशत बच्चे ही हिंदी वर्णमाला की पहचान कर सकते हैं.
  2. 23 फीसदी छात्र ही गणित में 1 से 9 तक के अंक पहचान सकते हैं.
  3. 25 प्रतिशत छात्र हिंदी के शब्द पढ़-लिख सकते हैं.
  4. 24 फीसदी छात्र अंग्रेज़ी के शब्द पढ़-लिख सकते हैं.
  5. 8वीं तक के 10 प्रतिशत छात्र ही हिंदी वर्णमाला की पहचान कर पाते हैं.
  6. 16 प्रतिशत छात्र ही 1 से 9 तक अंक पढ़ पाते हैं.
  7. 28 फीसदी छात्र अंग्रेज़ी के सामान्य शब्द पढ़-लिख पाते हैं.
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