मध्यप्रदेश के सिवनी में बीते कई दिनों से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल जारी है. अब यह अनशन जैसे-जैसे लम्बा समय व्यतीत कर रहा है. वैसे -वैसे आन्दोलन को कुचलने की पूरी कोशिशें सरकार द्वारा जारी हैं. कुछ दिन पूर्व आंगनबाड़ी संगठन की प्रदेश अध्यक्ष ने आत्मदाह की भी धमकी सरकार को दी थी. इसी बीच विभिन्न माँगों को लेकर अनशन कर रहीं इन महिलाओं में से कुछ महिलाओं के द्वारा आरंभ किये गये आमरण अनशन के छठवें दिन सोमवार को एक महिला बेहोश होकर गिर पड़ी. जिसके बाद अफरा तफरी का माहौल निर्मित हो गया था.
दरअसल इन्द्र कला गजभिये नामक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अचानक ही बेहोश होकर गिर पड़ीं जिन्हें अस्पताल ले जाने के लिये कार्यकर्ताओं को भारी मशक्कत करनी पड़ी और इसी आक्रोश में अनशन कर रहीं महिलाओं ने सिवनी के कचहरी चौक में सड़क जाम कर प्रदर्शन भी किया. महिलाओं को हटा पाने के प्रयास में पुलिस और प्रशासिक अधिकारी असफ़ल रहे.
मौके पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व हर्ष सिंह पहुँचे, जिसके बाद महिलाओं को लगा कि जिला कलेक्टर गोपाल चंद्र डाड मौके पर पहुँचे गए हैं, और महिलाओं के बीच यह खबर फैलते ही उनके द्वारा जाम को हटा लिया गया.
ज्ञात होकी 13 दिसंबर से लगातार आमरण अनशन पर बैठी महिलाओं में से सिवनी ज़िले की कुरई तहसील के बादलपार की निवासी इंद्रकला गजभिये सोमवार को अचानक ही बेहोश होकर गिर पड़ीं. आंदोलनकारियों के अनुसार चिकित्सालय ले जाने के लिये वहाँ खड़ी एनएचएआई की एंबूलेंस को अनशन स्थल पर लाने को कहा गया, किन्तु एंबूलेंस चालक के वहाँ उपस्थित न होने के चलते महिलाओं के द्वारा बेहोश हुई महिला को कंधे पर लादकर अस्पताल ले जाया जाने लगा. इसी बीच प्रशासन को भनक लगी तो आनन फानन में एंबूलेंस चालक को बुलाया गया और महिला को एंबूलेंस के जरिये अस्पताल भेजने की व्यवस्था की गयी.
आंदोलनकारी महिलाओं से बात करने पर उन्होंने किसी भी कीमत पर बिना ठोस आश्वासन के अनशन समाप्त न करने की बात दोहराई है. उधर जिला कलेक्टर गोपाल चंद्र डाड एवं जिला पुलिस अधीक्षक तरूण नायक अनशनकारी महिला की हालत देखने अस्पताल पहुँचे थे.
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