भाजपा के असंतुष्ट नेता यशवंत सिन्हा ने कहा है कि, उनका पार्टी छोड़ने का कोई इरादा नहीं है. अगर पार्टी चाहे तो उनको बाहर निकाल सकती है.
पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा अक्सर मोदी सरकार के खिलाफ बयान देने की वजह से सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन यशवंत सिन्हा ने इन तमाम बगावती सुरों के बावजूद पार्टी छोड़ने से साफ इनकार किया है.
सिन्हा का कहना है कि वे लंबे समय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने का प्रयास कर रहे हैं और इस बाबत उन्होंने प्रधानमंत्री को कई पत्र भी भेजे हैं. लेकिन उन पत्रों का कोई जवाब नहीं दे रहे है.
केंद्रीय बजट पर एक सेमिनार में हिस्सा लेने आए पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री मंगलवार को यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की बेरुखी के चलते ही सिन्हा ने राष्ट्र मंच का गठन किया है. पत्रकारों के सवालों के जवाब में उन्होंने पलट कर सवाल किया कि मैं भाजपा क्यों छोड़ूं, यूपीए सरकार के शासनकाल के 10 वर्षों के दौरान विपक्ष में रहते मैंने काफी मेहनत की थी.
जिस तरह से पूर्व वित्त मंत्री सिन्हा को इस बार के आम बजट से पूरी तरह से दूर रखा गया है उससे वह काफी नाराज हैं.
यशवंत सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री थे, उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार की नीतियां भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र के आधार पर नहीं है, जो वायदे चुनाव के दौरान किए गए थे, उस लिहाज से सरकार की नीति अनुकूल नहीं है.