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महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में यूं होगा मंत्रालयों का बंटवारा

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अक्टूबर 2019 में जब महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों के परिणाम आए थे, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा। कि महाराष्ट्र में भाजपा सत्ता से बाहर रहेगी। पर परिणाम के दिन से ही शिवसेना (Shivsena) मुख्यमंत्री पद के लिए अड़ी रही। शुरू में ये कहा जाता रहा कि शिवसेना कुछ ही दिनों में भाजपा के साथ सरकार बना लेगी। पर भाजपा और सेना के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए चली खींचतान का ये नतीजा रहा कि, दोनों की तीस साल की दोस्ती टूट गई।
इसके बाद फिर एक नया गठबंधन आस्तित्व में आया, जिसमें वो हुआ जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। दरअसल शिवसेना , कांग्रेस और एनसीपी के बीच एक नया गठबंधन का उदय हुआ। जिसका नाम महा विकास अघाड़ी (Great Development Alliance) रखा गया। और गठबंधन का नेता उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackrey) को चुना गया।
28 नवंबर 2019 को मुंबई के शिवाजी पार्क में उद्धव ने अपने 6 मंत्रियों के साथ शपथ ली, जिसमें शिवसेना के एकनाथ शिंदे व सुभाष देसाई, एनसीपी के जयंत पाटिल व छगन भुजबल और कांग्रेस के बालासाहेब थोराट व नितिन राऊत ने शामिल थे। शपथ लेने के बाद रात में उद्धव ठाकरे कैबिनेट की पहली बैठक हुई, जिसमें शिवाजी के रायगढ़ किले ( Raigarh Fort ) के कायाकल्प के लिए 20 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। साथ ही किसानों के लिए एक बड़ी योजना लाने का ऐलान किया गया।
कांग्रेस विधायक नाना पटोले (Nana Patole) निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुने गए। दरअसल पहले भाजपा ने भी अपने विधायक किशन कठोरे को स्पीकर पद का उम्मीदवार बनाया था। पर जब सत्तापक्ष द्वारा सर्वदलीय मीटिंग के दौरान विपक्ष से महाराष्ट्र विधानसभा की परंपरा (जिसमें स्पीकर का चुनाव निर्विरोध होता है) की बात की गई, तब भाजपा ने अपने उम्मीदवार का नामांकन वापस लिया।


अब बारी आती है मंत्रिमंडल की, लोकमत समाचार के अनुसार – कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के मध्य मंत्रालय के बंटवारे को लेकर जो सहमति बनी है। उसमें मंत्रालयों का बंटवारा कुछ इस प्रकार होगा।
शिवसेना के हिस्से में – नगरविकास, जलसंपदा, जलसंधारण, जलापूर्ति, ग्रामविकास, गृहनिर्माण, कृषि, विधि व न्याय, पर्यावरण, एमएसआरडीसी, पशुसंवर्धन मंत्रालय आए हैं।
एनसीपी के हिस्से में – गृह, वित्त व नियोजन, वन, मेडिकल शिक्षा, महिला व बालविकास, आदिवासी, विधानसभा उपाध्यक्ष पद आया है।
वहीं कांग्रेस के खाते में – राजस्व, सहकारिता, लोकनिर्माण विभाग, सार्वजनिक स्वास्थ्य, उच्च व तकनीकी शिक्षा, अन्न व औषधि प्रशासन, सांस्कृतिक कार्य मंत्रालय आया है। इसी के साथ स्कूली शिक्षा, ऊर्जा और उद्योग मंत्रालय में अभी सहमति नहीं बन पाई है, क्योंकि ये मंत्रालय तीनों दल चाहते हैं।

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