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महाराष्ट्र की सडकों पर क्यों निकले हैं किसान ?

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नासिक से निकला किसानों का बड़ा जनसमूह पैदल मुंबई पहुँच चुका है. सब हैरत में हैं, कि आखिर किसानों का इतना बड़ा जनसमूह कैसे पैदल ही इतनी लम्बी यात्रा में निकल पड़ा. भारतीय कम्युनिष्ठ पार्टी के किसान संगठन, अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) की अगुवाई में यह विरोध मार्च मंगलवार को नासिक से मुंबई के लिए रवाना हुआ था.
सभी विपक्षी पार्टियों ने इस विरोध और पदयात्रा को अपना समर्थन दिया हुआ है, न सिर्फ विरोधी पार्टियाँ बल्कि भाजपा की समर्थक पार्टी शिवसेना का समर्थन भी इस विरोध मार्च को मिला हुआ है.
कर्ज की समस्या के चलते महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या की खबरें आती रहती हैं. मार्च में शामिल किसानों की मांग है कि राज्य सरकार ने पिछले साल कर्ज माफी का जो वादा किया था, उसे पूरा नहीं किया.
किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की भी मांग कर रहे हैं. वहीं आदिवासी किसान भूमि आवंटन संबंधी मामलों के निपटारे की भी मांग कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि इस मार्च में सबसे ज्यादा आदिवासी किसान ही हिस्सा ले रहे हैं. इस तरह देखा जाए तो किसानों की सरकार से कर्ज माफी से लेकर उचित समर्थन मूल्य और जमीन के मालिकाना हक जैसी कई और मांगें हैं.
आंदोलनकारी किसान सोमवार को विधान भवन जाकर अपनी मांगें रखेंगे. हालांकि, पुलिस का कहना है कि किसानों को आजाद मैदान पर ही रोक दिया जाएगा. उधर, सोमवार को किसानों के विधानसभा घेराव को लेकर पुलिस ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है. ऑल इंडिया किसान सभा की प्रदेश परिषद के अध्यक्ष किसान गुजार ने कहा कि हम पूर्ण ऋणमाफी, उपज के उचित दाम आदि को मांग को लेकर सोमवार को विधानभवन का घेराव करेंगे.
किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने भी अपनी तरफ से कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन को किसानों से बातचीत करने भेजा जिन्होंने भी किसानों को अश्वासन दिया कि सरकार उनकी मांगों को लेकर सकारात्मक है. महाजन ने कहा, ‘सोमवार को माननीय मुख्यमंत्री के साथ इनकी चर्चा होने वाली है. इनके जो सभी कार्यकारणी सदस्य हैं, इनके प्रमुख हैं, वो जाकर माननीय मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे और मुझे लगता है इसमें से पॉजिटिव हल निकालने वाले है.’
किसान फडणवीस सरकार से कर्जमाफी की मांग कर रहे हैं.  वह लंबे समय से कर्जमाफी को लेकर आवाज उठा रहे हैं. महाराष्ट्र के किसानों की कर्जमाफी के साथ कुछ और मांगे भी हैं। जिनको लेकर ऑल इंडिया किसान सभा के लगभग 30 हजार किसानों ने मंगलवार को नासिक के सीबीएस चौक से पैदल मार्च शुरू किया था.
रविवार को किसान सायन के सोमैया ग्राउंड में रुकने वाले हैं और यहीं से सोमवार को यह अपनी मांगों को लेकर सरकार का घेराव करने मुंबई पहुंचेंगे इस उम्मीद के साथ कि सरकार इनकी सारी मांगों को मान लेगी. राज्य में बीजेपी को छोड़ लगभग दूसरी सभी पार्टियों ने किसानों के रैली का समर्थन किया है, लेकिन अब देखना यह है कि सोमवार को जब यह किसान अपनी मांगों को लेकर सरकार के पास पहुंचते हैं तब इन पार्टियों का क्या रवैया रहता है.

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